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हरी मटर का वैज्ञानिक नाम, फायदे, नुकसान, बनने वाले पकवान

हरी मटर का वैज्ञानिक नाम, scientific name of Green Peas हरी मटर के फायदे, नुकसान, बनने वाले पकवान हरी मटर के नुकसान हरी मटर के फायदे और नुकसान हरी मटर खाने के फायदे व नुकसान हरी मटर की रेसिपी – हरी मटर एक ऐसा पौधा है जिसकी जड़ों में गांठें होती हैं और इसकी कुछ पत्तियाँ मुड़ी हुई प्रकंदों में बदल जाती हैं। इसमें सुंदर फूल होते हैं जो तितलियों की तरह दिखते हैं, और कई बीजों से भरी लंबी, चपटी फली होती है। प्रत्येक बीज छोटा होता है और इसका वजन 0.1 से 0.36 ग्राम के बीच हो सकता है। मटर मूल रूप से दक्षिण एशिया से आया था। यह एक वार्षिक पौधा है जो केवल एक वर्ष तक जीवित रहता है। पहले लोग हरी मटर तभी खाते थे जब उसका मौसम होता था। लेकिन आजकल, हमारे पास ऐसी तकनीक है जिसके के कारण हम हरी मटर को पूरे साल उनका आनंद उठा सकें। हरी मटर की सब्जी के साथ साथ इसका आयुर्वेद में कई प्रकार की दवाइयों के रूप में उपयोग किया जाता है। जो शरीर में बहुत ही फायदेमंद होता है। आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि हरी मटर से शरीर में क्या क्या लाभ होता है। साथ ही साथ आप को बताएंगे की हरी मटर का वैज्ञानिक नाम, फायदे, नुकसान, बनने वाले पकवान। जो श्याद आप नही जानते होगें।

हरी मटर का वैज्ञानिक नाम एवं कुल (Green Peas Scientific Name in Hindi )

  • हरी मटर का वैज्ञानिक नाम पिसम सैटिवम (Pisum Sativum) है।
  • यह फ़बासिए, लेग्युमिनोसी या पापील्योनेसी कुल का एक पौधा है।
  • इसका पेड़ बेल के रुप फैलता है। इसकी शाखाएँ नरम, पत्तियाँ छोटी होती है
  • हरी मटर हरे रंग का होता है तथा सुखने पर हल्का पीले रंग का हो जाता है।
  • इसका स्वाद हल्का मीटा होता है। लोग आसानी से खा सकते है।
  • इसका उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है।
  • हरी मटर में मैग्नीशियम,पोटेशियम सहित कई विटामिन पाये जाते है।
  • हरी मटर की सब्जी कैसे बनाई जाती है। आइये जानते हैं हरी मटर की रेसिपी के बारे में

हरी मटर की रेसिपी

हरी मटर तो लगभग सभी के घर में इस्तेमाल किया जाता है। हरी मटर सेहत के लिए अच्छा माना जाता है हरी मटर खाने से शरीर के कई रोग खत्म हो जाते है। हरी मटर का आम तौर पर लोग सब्जी, अचार, पराटा मे उपयोग करते है। आज हम आपको हरी मटर की सब्जी की रेसिपी बनाना बताएंगे हरी मटर के सब्जी कैसे बनाये जिसके लिए आपको बहुत ज्यादा सामग्री जुटाने की जरूरत नहीं है और बहुत ही कम समय में हरी मटर की सब्जी बनाकर तैयार कर सकते है।

हरी मटर की सब्जी बनाने के लिए सामान

  • छोटे नींबू
  • तेल
  • कटा हुआ प्याज
  • जीरा
  • कटा हुआ टमाटर
  • कटा हुआ ताजा धनिया
  • पानी
  • पिसी हुई हल्दी
  • गरम मसाला
  • नमक
  • लाल मिर्च पाउडर
  • सौंफ
  • धनिया पाउडर
  • कटा हुआ लहसुन
  • बारीक़ कटा अदरक

हरी मटर का सब्जी बनाने का आसान तरीका

  • मध्यम आँच पर एक कड़ाही में तेल गरम करें।
  • इसके बाद जीरा डालें और तब तक चलाएं जब तक वे चटकने और महकने न लगें।
  • कड़ाही में बारीक कटा हुआ प्याज़ डालें और 2-3 मिनट तक नरम और सूनहरा होने तक भूनें।
  • कड़ाही में कीमा बनाया हुआ लहसुन और कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें और महक आने तक 1-2 मिनट तक भूनें।
  • कड़ाही में बारीक कटे हुए टमाटर डालें और 5-6 मिनिट तक पकाएँ जब तक कि वे नरम होकर गल न जाएँ, बीच-बीच में चलाते रहें।
  • कड़ाही में नमक, लाल मिर्च पावडर (अगर इस्तेमाल कर रहे हैं), पिसी हल्दी और पिसा हरा धनिया और अच्छी तरह मिलाएँ।
  • इसके बाद हरी मटर डालें और उन्हें मसाले के मिश्रण को अच्छे से चलाएं।
  • इसके बाद कड़ाही में 1 कप पानी डालें और अच्छी तरह मिलाएँ।
  • कड़ाही को ढक्कन से ढक दें और हरी मटर को 10-12 मिनट तक पकने दें जब तक कि वे नरम और पूरी तरह से पक न जाएं, बीच-बीच में चलाते रहें।
  • हरी मटर के पकने के बाद, गरम मसाला छिड़कें और अच्छी तरह से मिलाएँ।
  • इसके बाद हरे मटर की सब्जी को कटे हुए ताजे हरा धनिया से डाले करें और चावल, रोटी या अपनी पसंद के डिश के साथ गरमागरम परोसें।

हरी मटर का उपयोग

हरी मटर का कई तरह से उपयोग किया जाता है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। हरी मटर मे अधिक मात्रा मे औषधि गुण पाया जाता हैं। हरी मटर का स्वाद हल्का मीटा होता है। हरी मटर की सब्जी बनाकर कर खाये यह हमारे लिए औषधि के रुप मे काम करता है। जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।

  • हरी मटर का उपयोग सूप, स्टॉज, करी, सलाद और स्टर-फ्राइज़ के रूप में किया जाता है।
  • हरी मटर का सैंडविच, रैप्स और पेस्ट्री के लिए स्प्रेड मे भी उपयोग किया जाता है
  • हरी मटर की पूरी, पराठा, कटलेट, टिक्की मे किया जाता है।
  • सूखे हरे मटर के बीज अक्सर पशुओं के लिए चारे के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
  • हरी मटर का उपयोग फसल चक्र में भी किया जाता है।
  • हरी मटर को व्यंजनों में सजावटी तत्व के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

चलिए आपको बताते हैं कि हरी मटर खाने से शरीर में किस प्रकार के फायदे और नुकसान होने है, दोनों के बारे में पूरी जानकारी देंगे तो आप हमारे साथ बने रहें और हरी मटर के बारे मे पूरी जानकारी नीचे प्राप्त करें।

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हरी मटर के फायदे (Benefits of Green Peas in Hindi)

अगर आप भी हरी मटर का उपयोग नही करते है तो यह पढ़ने के बाद आप जरूर हरी मटर का उपयोग करना शुरू कर देंगे, क्योंकि हरी मटर में कई प्रकार के औषधि गुण पाए जाते हैं जो हमें स्वस्थ रखने के लिए काफी मदद करते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि हरी मटर में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं उसमें, कैल्शियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, सेलेनियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, तथा के प्रोटीन भी पाए जाते हैं। हरी मटर बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके बारे में पूरी जानकारी हम नीचे दे रहे है। आप इसे पुरा पढ़े

1. आंखों के लिए हरी मटर के फायदें

हरी मटर में ल्यूटिन और जेक्सैथीन नामक दो तत्व पाए जाते हैं विशेषज्ञों के अनुसार यह दोनों तत्व आंखों के लिए बहुत ही लाभदायक होते है उनका इस्तेमाल करने से आंखों से संबंधित परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है इसीलिए ऐसा बताया जाता है कि आंखों की रोशनी को बढ़ाने के साथ-साथ आंखों में किसी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए हमें हरी मटर का उपयोग करना चाहिए इसके खाने से हमें काफी मदद मिलती है साथ ही साथ जिम्मेदार कारकों के बचाव के लिए यह काफी मददगार साबित होता है।

2. पाचन प्रक्रिया के लिए हरी मटर के फायदे

मटर में फाइबर और विटामिन की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो हमारे पेट से जुड़ी हुई समस्याओं को दूर करने में मदद करती है साथी साथ पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में मदद करती है वहीं पर किए गए एक रिसर्च के अनुसार मटर में कुछ ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जैसे हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक और एंटी कार्सिनोजेनिक प्रभाव के साथ-साथ गैलेक्टोज ऑलिगोसैकराइड्स (पाचन में सहायक सूक्ष्म जीवों को प्रेरित करने वाला तत्व) मात्रा पाई जाती है जो पाचन क्रिया को मजबूत करने में मदद करती है।

3. हड्डियों के लिए हरी मटर के फायदेमंद

हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैलशियम, मैग्निशियम, जिंक का शरीर में पूर्ण होना बहुत ही आवश्यक होता है इसलिए विशेषज्ञों का मानना है आपको हड्डियों को मजबूत करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी का उपयोग करना चाहिए हरी मटर में विटामिन सी और विटामिन के की मात्रा भी भरपूर पाई जाती है जो हड्डियों को मजबूत करने में मदद करती है और ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या ना आए इसमें भी मदद करती है इसमें विटामिन के साथ-साथ,कैल्शियम, मैग्नीशियम भी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत तो बनाने में मदद करता है इसलिए हरी मटर का उपयोग करना चाहिए।

4. एंटी-कोलेस्ट्रॉल गुण हरी मटर मे

लोग हमेशा या पूछते रहते हैं कि हरी मटर खाने से हमें किस किस प्रकार से फायदे हो सकते हैं तो आपको बता दें कि हरी मटर और कोलेस्ट्रॉल के बीच में एक शोध किया गया था जिसमें हरी मटर में कुछ ऐसे तत्व पाए गए थे जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने में मदद करते हैं जिसे एंटी कोलेस्ट्रॉल गुण कहा जाता है जो मटर में पाया जाता है ऐसा माना गया है कि मटर के उपयोग करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित रहती है और हृदय जैसी समस्या ना होने से भी बचा जा सकता है इसलिए हमें नियमित रूप से हरी मटर का उपयोग करना चाहिए और अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए।

5. मोटापा रोगियों के लिए हरी मटर

मोटापे को नियंत्रित करने के लिए हरी मटर आपके लिए एक कारगर सब्जी साबित हो सकता है एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार हरी मटर में मौजूद फाइबर जो मोटापे को नियंत्रित करने में मदद करते हैं हरी मटर शरीर में जमे हुए अतिरिक्त फैट को भी कम करने में मदद करते हैं इस पर किए गए एक रिसर्च के अनुसार इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। हरी मटर के साथ सेवन करने पर पाचन मजबूत होता है और आपके वजन को कम करने में मदद करता है साथ ही साथ जैसा कि हम सभी जानते हैं हरी मटर विटामिन-सी की मात्रा भी अच्छी पाई जाती है कि वजन कम करने मे खास मदद करती है इतना ही नहीं वजन घटाने के लिए हरी मटर का उपयोग करना चाहिए इन सभी के साथ-साथ व्यायाम और डाइट पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

6. प्रतिरोधक क्षमता को अच्छा बनाने के लिए

मटर खाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ती है ऐसा माना जाता है कि मटर में अधिक मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मैग्निशियम बहुत ही शानदार कार्य करता है इसलिए शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ाने के लिए और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए मटर का उपयोग करना चाहिए जिससे हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके और हम किसी भी प्रकार की बीमारी होने से बच सकें इसलिए आपको रोजाना हरी मटर का उपयोग करना चाहिए और अपनी प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाना चाहिए।

7. गर्भावस्था के लिए हरी मटर के फायदे

गर्भावस्था के समय महिलाओं को कैल्शियम के साथ-साथ आयरन और विटामिंस की आवश्यकता बहुत अधिक होती है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ पल रहे बच्चे के लिए भी पोषक तत्व देना बहुत ही आवश्यक होता है जिससे कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ जन्म ले इसके लिए महिलाओं को कैल्शियम फोलिक एसिड के साथ-साथ कई विटामिन जरूरत होते हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं को हरी मटर खाने से कई प्रकार के लाभ होता हैं क्योंकि हरी मटर में कैल्शियम आयरन विटामिन के साथ-साथ कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो उनके लिए बहुत ही लाभकारी साबित होते है।

8. रक्तचाप मे हरी मटर के फायदे

हृदय रोग में उच्च रक्तचाप को नियंत्रण करना बहुत ही आवश्यक होता है हृदय रोग से बचना है तो आपको हरी मटर का उपयोग करना चाहिए क्योंकि हरी मटर में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं हरी मटर में नाइट्रेट की मात्रा पाई जाती है यह रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करता है जिससे उच्च रक्तचाप नियंत्रित करने में मदद मिलती है यह पोटेशियम का भी अच्छा स्रोत होता है और पोटेशियम को भी उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए प्रभावी बताया गया है।

9. अर्थराइटिस के लिए हरी मटर के लाभ

ऐसा माना जाता है कि हरी मटर खाने से आर्थराइटिस की समस्या कम होती है और उससे छुटकारा भी मिल सकता है क्योंकि हरी मटर में सेलेनियम नाम का एक खास तत्व पाया जाता है जो आर्थराइटिस मरीजों के लिए रामबाण का कार्य कर सकता है विशेषज्ञों के अनुसार सेलेनियम आर्थराइटिस से छुटकारा दिलाने में बहुत ही लाभकारी साबित होता है ऐसा बताया जाता है कि मटर का इस्तेमाल करने से जोड़ों से संबंधित समस्या दूर करने में काफी मदद मिलती है इसलिए जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या है वह मटर का उपयोग अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें और शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करें।

10. हृदय के लिए हरी मटर के फायदे

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए हरी मटर का उपयोग करना चाहिए क्योंकि हरी मटर विटामिन-सी का स्रोत है और विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करने मे मदद करते है। जो हृदय को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं हरी मटर में पाए जाने वाले सिट्रिक फल फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं, जो एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक जमना) के उपचार में मदद कर सकते हैं, जो हृदय रोगों से सुरक्षा करने में मददगार हो सकता है हरी मटर का सेवन करना चाहिए जो आपके हृदय के साथ-साथ अन्य रोगो मदद करता है और आपका शरीर स्वस्थ बनाता है।

हरी मटर के नुकसान (Side Effects of Green Peas in Hindi)

हरी मटर का उपयोग अधिकत्तर सब्जी, पराटा, सलाद के रुप मे उपयोग किया जाता है। इसका लोग अपनी पसंद के हिसाब से उपयोग करते हैं लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह हमारे लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए आपको हरी मटर का उतना ही उपयोग करना चाहिए, जिससे आप को कोई समस्याओं का सामना ना करना पड़े। हरी मटर के खाने से हमें फायदे और नुकसान दोनों होते हैं नीचे हमने हरी मटर के खाने से कुछ नुकसान के बारे में बताया है।

  • वैसे तो हरी मटर पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाने में मदद करता है लेकिन अगर हरि मटर का अधिक उपयोग किया गया है तो पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है
  • हरी मटर के अधिक उपयोग करने से पेट में गैस की समस्या को देखा गया है इसलिए गैस की समस्या से परेशान लोगों को अधिक हरी मटर का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • हरी मटर के अधिक उपयोग करने से पेट फूलना डकार आने की समस्या देखी जा सकती है
  • कई लोगों में हरी मटर के उपयोग से एलर्जी की समस्या देखी गई है कभी उनके शरीर पर त्वचा पर लाल, खुजलीदार और जलनशील चक्कते, सांस लेने में तकलीफ और आंखों व नाक में समस्या हो सकती है।

यहां हमने हरी मटर से संबंधित कुछ जानकारियां इस लेख में बताई हैं हरी मटर हम सब सामान्य रूप से सब्जी, पराठा,आदी मे उपयोग करते हैं। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए जिससे कि किसी प्रकार की समस्या का कारण बने। अगर आपको किसी प्रकार की कोई समस्या होती है तो आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही उपयोग करें। आशा करता हूं कि आज हमने हरी मटर के बारे में जो आपको जानकारियां प्रदान की है वह आपके लिए काफी मददगार साबित हुई होंगी। ऐसे ही जानकारियों के लिए हमारे साथ जुड़े रहे। धन्यवाद

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1.) हरी मटर का वैज्ञानिक नाम और कुल क्या है ?

Answer:- हरी मटर का वैज्ञानिक नाम पिसम सैटिवम (Pisum Sativum) है।

2.) आंखों के लिए हरी मटर के क्या फायदे हैं?

Answer:- हरी मटर में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन होते हैं, ये दो तत्व आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं। ये तत्व दृष्टि में सुधार करने और आंखों से संबंधित समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।

3.) हरी मटर पाचन प्रक्रिया को कैसे लाभ पहुँचाती है?

Answer:- हरी मटर फाइबर और विटामिन से भरपूर होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद कर सकती है। उनमें गैलेक्टोज ओलिगोसेकेराइड जैसे पदार्थ भी होते हैं जो पाचन में सहायता करते हैं और हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक और एंटी-कार्सिनोजेनिक प्रभाव होते हैं।

4.) क्या हरी मटर हड्डियों को मजबूत करने में मदद कर सकती है?

Answer:- जी हां, हरी मटर में कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन सी और विटामिन के होते हैं, ये सभी हड्डियों को मजबूत बनाने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।

5.) क्या हरी मटर में एंटी-कोलेस्ट्रॉल गुण होते हैं?

Answer:-जी हां, हरी मटर में ऐसे पदार्थ पाए गए हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जो हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।

6.) मोटापे के रोगियों के लिए हरी मटर कैसे फायदेमंद हो सकती है?

Answer:- हरी मटर में कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है, जो मोटापे को नियंत्रित करने और शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है। हरी मटर का सेवन करने से पाचन में भी सुधार होता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

7.) हरी मटर प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में कैसे मदद कर सकती है?

Answer:-हरी मटर में मैग्नीशियम होता है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। हरी मटर के नियमित सेवन से आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और बीमार होने से बच सकते हैं।

8.) क्या गर्भवती महिलाओं के लिए हरी मटर के फायदे हैं?

Answer:- हां, गर्भवती महिलाओं को हरी मटर के सेवन से फायदा हो सकता है क्योंकि इनमें कैल्शियम, आयरन, विटामिन और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो मां और बढ़ते बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

9.) हरी मटर के सेवन से क्या नुकसान होते हैं?

Answer:- हरी मटर के स्वास्थ्य के लिए लाभदाय होते हैं, अत्यधिक सेवन से गैस, पेट फूलना और पेट फूलना जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को लाल, खुजली और जलती हुई चकत्ते, सांस लेने में कठिनाई और आंखों और नाक में समस्या जैसी एलर्जी का भी अनुभव हो सकता है। हरी मटर का सेवन कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है और यदि कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया का अनुभव हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

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