Image Credit:- Google
खेती के क्षेत्र में, लगातार नई और उन्नत किस्मों को अपनाना कृषि की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि विज्ञान केंद्र, झालावाड़ ने ‘जीएनजी-1958’ चने की किस्म पेश करके इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है
Image Credit:- Google
इसकी मोटे दाने वाली प्रकृति उच्च उत्पादकता में महत्वपूर्ण योगदान देती है, जो कृषि प्रेमियों के लिए एक वरदान है। इसके अलावा, जीएनजी-1958 पेड़ों पर कीटों के सीमित संक्रमण के कारण कीट प्रबंधन पर खर्च कम हो जाता है, जिससे अंततः किसानों को अधिक मुनाफा होता है।
Image Credit:- Google
जीएनजी-1958 एक अनूठी विशेषता का दावा करता है – यह पानी की कमी वाली परिस्थितियों में भी भरपूर उपज देता है। सूखे की स्थिति में यह लचीलापन किसानों की आय की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, चुनौतीपूर्ण समय के दौरान स्थिरता प्रदान करता है।
Image Credit:- Google
जीएनजी-1958 पेड़ों पर न्यूनतम कीट संक्रमण महंगे कीट प्रबंधन उपायों की आवश्यकता को कम करता है। इससे किसानों की लागत में बचत होगी और उनकी लाभप्रदता में और वृद्धि होगी।
Image Credit:- Google
किसानों को जीएनजी-1958 बीजों की आपूर्ति करने से उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले बीजों तक पहुंच मिलती है, जिससे उत्पादकता और फसल की गुणवत्ता में संभावित वृद्धि होती है।
Image Credit:- Google
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अर्जुन कुमार वर्मा ने इस किस्म के महत्व पर जोर दिया और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के क्लस्टर फ्रंटलाइन प्रदर्शन में इसकी भूमिका पर चर्चा की।
Image Credit:- Google
केंद्र के बागवानी वैज्ञानिक श्री अरविंद नागर ने कहा कि किसान जायद मौसम के दौरान फलों, सब्जियों और फूलों जैसी बागवानी फसलों की खेती करना सीखकर अपने ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं। बगीचों में उचित पोषण और जल प्रबंधन के महत्व पर जोर देते हुए
Image Credit:- Google
CMG-1958 चने की किस्म से जुडी और भी अधिक जानकारी के लिए निचे दिए लिंक पर क्लिक करे।
Image Credit:- Google
Latest krishi News से जुडी अपडेट पाने के लिए हमारे Whatsapp Group को अभी निचे दिए लिंक पर क्लिक करके ज्वाइन करे।
अगर आपको ये स्टोरी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों को शेयर जरूर करे, धन्यवाद।
Image Credit:- Google