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धान की सीधी बुवाई या रोपाई, कैसे करें इस बार धान खेती, जाने वैज्ञानिक तरीका

धान की सीधी बुवाई या रोपाई, कैसे करें इस बार धान खेती, जाने वैज्ञानिक तरीका, धान का सीजन शुरु हो चुका है और किसान भाई इस समय यह सोच रहे है की धान की सीधी बुवाई करे या रोपाई, तो आप सही जगह परा आये है ? इस लेख में है वैज्ञानिक तरीके से धान की बुवाई पर चर्चा कर रहे है। तो आप लेख को पुरा पढ़े।

जब धान की खेती की बात आती है। तो किसानों के पास दो विकल्प होते हैं एक सीधी बुवाई दुसरी रोपाई। प्रत्येक विधि अपने फायदे और नुकसान होते है। आज इन दोनों तरीके बीच के अंतर को अच्छे से समझते हैं। किसान धान की सीधी बुवाई करें या रोपाई के तरीके से।

धान की सीधी बुवाई

सीधी बुवाई का मतलब है किसान भाइयों को नर्सरी तैयार नहीं करना पड़ता है सीधे बीज की बुवाई खेतों में कर दी जाती है जिससे किसान भाइयों को बहुत ही फायदा होता है। उनके समय की बहुत ही बचत होती है। लेकिन धान की सीधी बुवाई के कई लाभ क्या हैं? आइए जानते है।

धान की सीधी बिजाई के फायदे

  • सीधी बुवाई से समय और मजदूरी की बचत होती है जिससे पौध रोपण की आवश्यकता खत्म हो जाती है। यह मजदूरी को कम करता है, जिससे यह बड़े पैमाने पर किसान खेती करके अच्छा पैसा कमाते है।
  • सीधी बुवाई करने से किसान को बीज की आवश्यकता बहुत कम होती हैं और खेत में बीज अच्छी तरीके से जामते हैं और बीज के सड़ने और गिलने की आशंका भी कम रहती है
  • सीधी बुवाई करने से किसान भाइयों के खेत में धान अच्छी तरीके से एक लाइन से धान की बुवाई होती है जिससे खरपतवार भी नियंत्रण अच्छे से किया जाता है और धान की पैदावार भी अच्छी होती है

धान की सीधी बुवाई के लिए आवश्यक

  • सीधी बुवाई में किसान भाइयों को खरपतवार नियंत्रण करना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि किसान भाइयों अगर खेत मे खरपतवार रहेंगे तो जाहिर सी बात है आपकी धान की पैदावार कमी होगी
  • सीधी बुवाई करते समय किसान भाइयों को इस बात का ध्यान रखना है कि धान की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए और उचित मात्रा में होनी चाहिए जिससे आप की पैदावार में किसी प्रकार की कोई कमी ना हो।
  • सीधी बुवाई में किसान भाइयों जल की बहुत ही आवश्यकता होती है इसलिए इसकी खेती करने के लिए आपके पास पर्याप्त जल की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे आप की पैदावार अच्छी हो।

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धान की रोपाई

दूसरी ओर हम जानेंगे की हम धान की रोपाई के बारे में जो की धान की रोपाई जो कई वर्षों से इस प्रकार की खेती होती चली आ रही है। किसान भाई सबसे पहले धान के बीज की नर्सरी को तैयार करते हैं और फिर उसे मुख्य खेत में लगाते हैं। आइए जानते हैं धान की रोपाई के बारे में।

धान की रोपाई के लाभ

  • सबसे पहले किसान भाइयों को इसके लिए नर्सरी तैयार करनी होती है नर्सरी जिस खेत में तैयार की जाती है उस खेत में खरपतवार पहले से ही नियंत्रण होना चाहिए नहीं तो नर्सरी तैयार करते समय उसके बीज में पीला पन देखने को मिलता है।
  • इसमें रोपाई करते समय किसान भाइयों के पास यह नियंत्रण होता है कि वह जितनी दूर चाहे उतनी दूर पर धान की रोपाई कर सकते हैं।
  • सीधे बोए गए पौधों की तुलना में धान की रोपाई के पौधे आम तौर पर मजबूत होते है। धान की रोपाई में किए गए बीच की तुलना में सीधी बुवाई की तुलना में अधिक मजबूत होते हैं।

धान की रोपाई के लिए आवश्यक

  • धान की रोपाई में सबसे बड़ा होता है समय और मजदूरी क्योंकि इसमें किसान भाइयों को नर्सरी तैयार करनी होती है जिसमे काफी समय लगता है। किसान भाइयों को बड़ी खेती करने के लिए अच्छी खासी मजदूरी भी देनी पड़ती है।
  • धान की रोपाई में सबसे महत्वपूर्ण होता है नर्सरी, अगर किसान भाइयों की नर्सरी अच्छी है तो उनकी फसल भी अच्छी होगी नहीं तो उनकी फसल भी खराब होती है इसलिए धान की रोपाई में नर्सरी का बहुत ही बड़ा योगदान होता है।
  • धान की रोपाई में किसान भाई से पहले एक बार धान की नर्सरी तैयार करते हैं। फिर एक छोटे खेत में लगाते हैं फिर वहां से उखाडते हैं और फिर मुख्य खेत में लगाते हैं जो कि एक बहुत बड़ा जोखिम का कार्य होता है।

FAQs

Q1: कौन सी विधि मे कम मजदूरी लगती है सीधी बुवाई या रोपाई में?

Ans:- सीधी बुवाई में आमतौर पर रोपाई की तुलना में कम मजदूरी की आवश्यकता होती है।

Q2: कौन सी विधि किसाने के लिए प्रभावी है, सीधी बुवाई या रोपाई?

Ans:- सीधी बुवाई को अक्सर मजदूरी लगती है इस लिए प्रभावी मानी जाती है।

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