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(PKVY) परम्परागत कृषि विकास योजना 2023: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व लॉगिन

भारत देश में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को जैविक खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। जैविक खेती करने से कीटनाशक का कम उपयोग होता है। इसके अलावा जैविक खेती से सेहत भी अच्छा रहता है। जैविक खेती करने मे किसानो को कम पानी भी जरुर होती है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023) का आरंभ किया है। इस योजना की शुरुआत 2015 में किया गया था। जिससे देश में पारंपरिक खेती को आधुनिक खेती के साथ मिल कर किया जाए। जिससे हमारी मिट्टी की उर्वर शक्ति में सुधार हो सके।

इस योजना के तहत जैविक खेती करने वाले किसान भाइयों को सरकार द्वारा धन राशि प्रदान की जाती है। इस योजना में धनराशि पार्टिसिपेशन जनरेशन सिस्टम के द्वारा प्रदान की जाती है। इसका मतलब है कि लगभग 500 से 1000 हेक्टेयर भूमि पर 30 से 50 किसानों का एक समूह बनाया जाएगा। इन समूहों में को लगभग 10,00000 रुपये की धनराशि प्राप्त होगी। साथ-साथ उन्हें सर्टिफिकेट के लिए 4 से 5 लाख तक का अनुदान प्राप्त होगा। आप कैसे प्राप्त करेंगे धनराशि, क्या-क्या महत्वपूर्ण दस्तावेज लगेंगे, आवेदन कैसे करना है, जैसी सभी जानकारीयाँ नीचे दिया गया है। आप लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

क्या है पराम्परागत कृषि विकास योजना

परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत देश के किसान भाइयों को जैविक खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जाता है। इस योजना से खेत की मिट्टी की उर्वर शक्ती को बनाए रखने के लिए ही योजना का शुरू किया गया है। सरकार द्वारा जैविक खेती करने के लिए किसानों को लगातार Traditional Agriculture Development Scheme 2023 के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि किसान भाई खेतों को रसायन मुक्त बनाएं और अच्छी उपज प्राप्त करें। मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार हो।

PKVY 2023 की मुख्य विशेषताएं

  • योजना के तहत देश के किसानों को जैविक खेती करने के लिए बढ़ावा देना
  • परंपरागत कृषि योजना में अधिकतम 40 से 50 किसानों का एक समूह बनाया जाएगा इसके लिए 50 एकड़ जमीव वाले का समूह का बनाया जायेगा। योजना मे 3 साल के अंदर 10,हजार समूह जैविक खेती करने के लिए बनाए जाएंगे
  • इस योजना में किसानों को किसी प्रकार का कोई धनराशि नही देनी होगी।
  • समूह मे चुने जाने के बाद 3 वर्ष तक सरकार द्वारा किसानों को बीज, फसलों की कटाई, परिवहन आदि का खर्च सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • किसान पारंपरिक तरीके से जैविक खेती को बढ़ावा दें और बाजार में जैविक उत्पादकों को बढ़ाएं।

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पराम्परागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य

परंपरागत कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों का स्वास्थ्य और मिट्टी का स्वास्थ्य दोनो को सुरक्षित किया जाएँ। किसान सामान्य जीवन में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का बहुत अधिक उपयोग करते हैं। जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है तथा मिट्टी की उर्वरता शक्ति भी लगातार रासायनिक प्रयोग से कम होती जा रही है। इन सभी से बचने के लिए सरकार ने वैज्ञानिक विधि द्वारा किसी के नए मॉडल पर काम करने के लिए किसानों को परंपरागत कृषि विकास योजना से जोडने का कार्य किया जा रहा है। इस योजना से किसान कम लागत में अच्छी पैदावार भी करेंगे और किसान रसायन मुक्त पौष्टिक भोजन भी कर सकेंगे। और देश के नागरिकों की भी सेहत में सुधार होगा। जैविक खेती द्वारा प्रकृति को भी फायदा होता है

पराम्परागत कृषि विकास योजना के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आवेदक का आधार कार्ड (Aadhaar Card)
  • पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Photo)
  • मोबाइल नंबर (Mobile number)
  • राशन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र

परंपरागत कृषि विकास योजना मे आवेदन कैसे करें

Step 1 – योजना में आवेदन करने के लिए किसान भाइयों को सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट https://pgsindia-ncof.gov.in/PKVY/index.aspx पर जाना होगा

Step 2 – उसके बाद उनके सामने होम पेज खुलकर आएगा।

Step 3 – इसके बाद होम पेज पर आपको अप्लाई नाउ का ऑप्शन दिखेगा उस पर क्लिक करना होगा।

Step 4 – क्लिक करने के बाद आपके सामने आवेदन पत्र खुलकर आ जाएगा।

Step 5 – आवेदन पत्र में मांगी गई सभी जानकारियां आपको सही-सही दर्ज करना होगा।

Step 6 – इसके बाद मांगी कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज आपको अपलोड करना होगा।

Step 7 – दस्तावेज अपलोड करने के बाद आपको एक बार सही से मिलान करना होगा।

Step 8 – इसके बाद नीचे दिए गए सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा।

Step 9 – सबमिट बटन पर क्लिक करते ही आपका परंपरागत कृषि विकास योजना में आवेदन सफलतापूर्वक हो जाएगा।

FAQ :

Q : परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है?

Ans : इस योजना के तहत जैविक खेती करने वाले किसान भाइयों को सरकार द्वारा धन राशि प्रदान की जाती है।

Q : परंपरागत कृषि विकास योजना का लाभ कैसे ले?

Ans : परंपरागत कृषि विकास योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाइयों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिसे के बाद ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।

Q : परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत कब हुई थी?

Ans : परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत 2015 में किया गया था। जिससे देश में पारंपरिक खेती को आधुनिक खेती के साथ मिल कर किया जाए। जिससे हमारी मिट्टी की उर्वर शक्ति में सुधार हो सके।

Q : परंपरागत कृषि विकास योजना मुख्य लक्ष्य क्या है?

Ans : परंपरागत कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों का स्वास्थ्य और मिट्टी का स्वास्थ्य दोनो को सुरक्षित किया जाएँ। देश मे जैविक खेती बढ़ावा दिया जाएँ।

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