Wheat prices rising:- गेहूं के लगातार बढ़ते दाम को लेकर देश लगातार चर्चा चल रही थी कि सरकार खुले बाजार में सस्ते दामों पर गेहूं बेचेगी और दामों पर काबू किया जाएगा। लेकिन यह चर्चा केवल चर्चा मे ही रहा गयी बीते कई दिनों से के बाद भी गेहूं के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिसके चलते गेहूं और आटे के दामों पर काबू पाना मुश्किल होता दिखाई दे रहा है। आइये जानते है कि भारत के खाद्य सचिव ने क्या कहाँ।
देश की राजधानी मे गेहँ का दाम
देश की राजधानी दिल्ली में गेहूँ की बात किया जाए तो लगभग 3200 के पार इस समय चल रहा है। वही कोलकाता में गेहूं के दाम 3250 से उपर जा चुका है। अगर हैदराबाद की बात किया जाय तो 3300 तक पहुंच चुका है। हजारी मंडियों में गेहूं की बात किया जाए तो 2800 से 2900 के आसपास चल रहा है।
भारत के खाघ सचीव ने क्या कहाँ? जाने
सरकार का कहना है कि हमारे एफसीआई के गोदामों में पर्याप्त स्टॉक है। अब लगातार बढ़ते हुए भाव को देखकर भारत के खाद्य सचिव ने कहा है कि हमारे पास गेहूं और चावल की कोई कमी नहीं है। हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है जल्द ही हम गेहूं के भाव को नियंत्रण करने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत के खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि गेहूं और आटे की खुदरा मूल्य में लगातार वृद्धि को नियंत्रण करने के लिए सरकार जल्द से जल्द कई कदम उठाए जाएंगे। गेहूं और आटे के मूल्य पर नियंत्रण बना सकें सरकार लगातार इस पर विचार कर रही हैं और जल्द ही दामों को नियंत्रण किया जाएगा।
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देश मे आटे का रेट कितना पहुचा? देखे
देश में इस समय आटे की दाम में भी काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। आटे का रेट इस समय 38 से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से कई शहरों में बेचा जा रहा है। इस पर सवाल पूछने पर चोपड़ा ने कहा कि मुझे पता है कि गेहूं और आटे की मूल्य में तेजी है। वह इस बात से भली-भांति परिचित है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही बड़े कदम उठाने वाले हैं। जिससे दामों पर नियंत्रण लगाया जा सके फिलहाल उन्होंने अभी तक कोई समय सीमा नहीं बताया कि कब तक कदम उठाए जाएंगे।
एफसीआई के पास कितना स्टॉक बचा
खाद्य सचिव ने बताया कि देश में अभी भी गेहूं और चावल की पर्याप्त स्टॉक मात्रा एफसीआई के गोदामों में पड़ी है। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पाद और खरीदारी के कारण पिछले वर्ष मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। पिछले महीने सूत्रों ने कहा था कि खुदरा मूल्य में कमी के लिए सरकार 15-20 लाख टन गेहूं की खुले बाजार में बिक्री कर सकती है। लेकिन कुछ दिनों बाद ही यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि अगर सरकार ने जल्द ही कोई कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में गेहूं और आटे का भाव और तेजी से बढ़ेगा। क्योंकि अभी नई फसल आने में लगभग 2 महीने का समय है। इसके बाद ही दाम कम होगें।