आलूबुखारा का वैज्ञानिक नाम, scientific name of pears आलूबुखारा के फायदे और नुकसान आलूबुखारा खाने के फायदे व नुकसान आलूबुखारा की रेसिपी – आलू बुख़ारा एक गुठलीदार फल होता है जो दक्षिण एशियाई मे अधिक उपयोग किया जाता है। जिसमे भारतीय, पाकिस्तानी और अफगान शामिल है। आलू बुख़ारा लाल, काले, पीले और कभी-कभी हरे रंग के होते हैं। आलू बुख़ारा का ज़ायका मीठा या खट्टा होता है। आलू बुखारा का उपयोग चटनी, जैम और अचार बनाने के लिए भी किया जाता है। इसका छिलका अधिक खट्टा होता है। इनका गूदा रसदार होता है इसे सीधा खाया जा सकता है या इनके मुरब्बे बनाए जा सकते हैं। इनके रस पर से शराब भी बनाई जाती है। इसमे फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और विभिन्न विटामिन और खनिज पाये जाते है। ऐसा माना जाता है कि यह पाचन में सहायता करता है, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने मे मदद करता है। आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि आलू बुख़ारा खाने ने से शरीर में क्या क्या लाभ होते है। साथ ही साथ आप को बताएंगे की आलू बुख़ारा का वैज्ञानिक नाम, फायदे, नुकसान, बनने वाले पकवान। जो श्याद आप नही जानते होगें।
आलूबुखारा का वैज्ञानिक नाम एवं कुल ( Pears Scientific Name in Hindi )
- आलू बुख़ारा का वैज्ञानिक नाम प्रूनस डोमेस्टिका( Prunus domestica) है।
- इसको अलूचा या प्लम भी कहते हैं।
- “आलू बुखारा” शब्द उर्दू से लिया गया है, जहाँ “आलू” का अर्थ बेर है और “बुखारा” का अर्थ सूखे से है।
- यह खटमिट्ठा फल भारत के पहाड़ी प्रदेशों में होता है।
- उत्तरी भारत की पर्वतीय जलवायु में इसकी उपज अच्छी होती है।
- आयुर्वेद के अनुसार आलू बुख़ारा पौष्टिक आहार माना गया है।
- आलू बुख़ारा की रेसिपी कैसे बनाई जाती है। आइये जानते हैं आलू बुख़ारा की कैसे बनती है।
आलूबुखारा की रेसपी
आलू बुख़ारा सेहत के लिए अच्छा माना जाता है आलू बुख़ारा खाने से शरीर के कई रोग खत्म हो जाते है। आज हम आपको आलू बुख़ारा की चटनी के फायदे, आलू बुख़ारा की चटनी कैसे बनाये जिसके लिए आपको बहुत ज्यादा सामग्री जुटाने की जरूरत नहीं है और बहुत ही कम समय में आलू बुख़ारा की चटनी बनाकर तैयार कर सकते है।
आलू बुख़ारा की चटनी बनाने के लिए सामान
- आलूबुखारा ( Aloo Bukhara)
- चीनी (sugar)
- लाल मिर्च(red chili )
- जीरा पाउडर(cumin powder)
- नमक(salt)
- अदरक पाउडर (ginger powder)
- काला नमक (black salt)
- हल्दी पाउडर (turmeric powder)
- गरम मसाला (garam masala)
- पानी (Water)
- नींबू का रस (Lemon juice)
आलू बुख़ारा की चटनी बनाने की विधि
- सबसे पहले आपको आलू बुखारा को अच्छी तरह से पानी मे धोएं। इसके बाद उन्हें लगभग 2-3 घंटे के लिए पानी में भिगो दें जब तक वे नरम और मोटे न हो जाएं।
- इसके बाद भीगे हुए आलूबुखारे से पानी निकाल दें और इसके बीज को निकाल दे।
- अब मिक्सर मे भीगे हुए आलूबुखारा, चीनी, लाल मिर्च के गुच्छे, भुना जीरा पाउडर, नमक, अदरक पाउडर, काला नमक, हल्दी पाउडर और गरम मसाला आदि डालें।
- और मिक्सर को तब तक चलाएँ जब तक आप एक चिकनी और मिक्षण मोटी ना हो जाएँ।
- अगर चटनी ज्यादा गाढ़ी है, तो आप थोड़ा सा पानी मिला कर गाढ़ापन ठीक कर सकते हैं।
- इसके बाद चटनी को एक कराही में डालें और धीमी आंच पर लगभग 10-15 मिनट तक बीच-बीच में हिलाते हुए पकाएं।
- इसके बाद चटनी को चखें और अपनी पसंद के अनुसार मसाला डाले। यदि आप एक खट्टा स्वाद पसंद करते हैं, तो आप नींबू का रस डाल सकते है।
- एक बार जब चटनी बन जाएँ तो इसे आँच से हटा दें और इसे ठंडा होने दें।
- इसके बाद आलू बुखारा चटनी को एक साफ बर्तन मे रखे।
- आप इसकी चटनी को कई हफ्तों तक फ्रिज में रख सकते हैं और इसे उपयोग कर सकते हैं, समोसे, पकौड़े या मुख्य व्यंजनों के साथ।
चलिए आपको बताते हैं कि आलू बुखारा खाने से शरीर में किस प्रकार के फायदे और नुकसान होने है, दोनों के बारे में पूरी जानकारी देंगे तो आप हमारे साथ बने रहें और आलू बुखारा के बारे मे पूरी जानकारी नीचे प्राप्त करें।
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आलूबुखारा के फायदे (Benefits of Pears in Hindi)
आलू बुखारा खाने के फायदे। आलू बुखारा में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं उसमें, विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी-6, फोलेट, डीएफई, विटामिन ए, आरएई, विटामिन ए, आईयू, विटामिन ई , विटामिन डी तथा के प्रोटीन भी पाए जाते हैं। आलू बुखारा बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके बारे में पूरी जानकारी हम नीचे दे रहे है। आप इसे पुरा पढ़े
1. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए आलूबुखारा के फायदे
आलूबुखारा फाइबर का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पाचन तंत्र को बढ़ावा देता है। इसके साथ आलूबुखारा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से लड़ने में मदद कर सकते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट, जैसे कि फेनोलिक यौगिक और विटामिन सी, हृदय को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं और हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं। साथ ही साथ इसमें एंटीऑक्सिडेंट और बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हृदय के मजबूत करने मे मदद करते है।
2. आंखों के लिए आलूबुखारा के फायदे
आलूबुखारा एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते है, जिसमें विटामिन ए, सी और ई के साथ-साथ बीटा-कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे कैरोटीनॉयड भी शामिल हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट आंखों को ऑक्सीडेटिव तनाव और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। इसके साथ आलूबुखारे में विटामिन ए होता है। जो स्वस्थ दृष्टि बनाए रखने के लिए आवश्यक है। विटामिन ए रोडोप्सिन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो कम रोशनी और रात की दृष्टि के लिए आवश्यक वर्णक है।
3. हड्डी स्वास्थ्य के लिए आलूबुखारा खाने के फायदे
आलूबुखारा पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत माना जाता है जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसमें विटामिन के होता है जो हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और शरीर मे कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने मे मदद करता है। आलूबुखारा में पोटेशियम, मैग्नीशियम और बोरॉन भी होते हैं, जो मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इसके साथ आलूबुखारा फेनोलिक यौगिकों और अन्य एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो हड्डी की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है इसमे फाइबर अधिक पाये जाते है जो हड्डी के स्वास्थ्य के लिए अहम कार्य करते है। पर्याप्त फाइबर के कारण हड्डी में वृद्धि होता है।
4. अस्थमा में आलूबुखारा के फायदे
आलूबुखारा अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कई लाभ प्रदान कर सकता है, हालांकि की इस पर अधिक रिसर्च नही किया गया है। आलूबुखारा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। जिसमे विटामिन सी, विटामिन ई और विभिन्न फेनोलिक यौगिक पाये जाते है। ये एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने और शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जो अस्थमा वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही साथ आलूबुखारा विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों में फेफड़े की कार्यक्षमता में सुधार के साथ जुड़ा हुआ है। विटामिन सी में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह वायुमार्ग की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे श्वसन स्वास्थ्य बेहतर होता है।
आलूबुखारा खाने के नुकसान (Side Effects of pears Hindi)
आपको आलूबुखारा का उतना ही उपयोग करना चाहिए, जिससे आप को कोई समस्याओं का सामना ना करना पड़े। आलूबुखारा के खाने से हमें फायदे और नुकसान दोनों होते हैं नीचे हमने आलूबुखारा के खाने से कुछ नुकसान के बारे में बताया है।
- आलूबुखारा में लैक्सेटिव अधिक पाए जाते हैं जिसके कारण इसका अधिक उपयोग करने पर आपको डायरिया की शिकायत हो सकती है।
- आलूबुखारा के ज्यादा सेवन करने से पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
- जैसा कि हमने ऊपर बताया कि आलूबुखारे में पोटेशियम की मात्रा अधिक पाई जाती है इसके अधिक सेवन करने से करने से हाइपरकलेमिया यानी शरीर में पोटेशियम की मात्रा अधिक बढ़ सकती है जिसके कारण सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या उल्टी हो सकती है।
आज हमने आलूबुखारा से संबंधित जानकारियां इस लेख में बताई हैं आशा करता हूं कि आज हमने आलूबुखारा का वैज्ञानिक नाम के साथ आलूबुखारा के फायदे नुकसान के बारे में जो आपको जानकारियां प्रदान की है वह आपके लिए काफी मददगार साबित हुई होंगी। ऐसे ही जानकारियों के लिए हमारे साथ जुड़े रहे। धन्यवाद
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1.) आलूबुखारा का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
Answer:- आलू बुख़ारा का वैज्ञानिक नाम प्रूनस डोमेस्टिका( Prunus domestica) है।
2.) आलूबुखारा को कैसे खाया जाता है?
Answer:- आलूबुखारा को आप सुबह या शाम के समय खा सकते हैं आलूबुखारा को एक प्लेट में छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में काट लीजिए और चम्मच से या अपने हाथ से इसको सेवन करें। एक रिसर्च के अनुसार इसमें sorbitol पाया जाता है जो शुगर अल्कोहल होता है और नैचुरल लैक्सेटिव की तरह कार्य करता है।
3.) आलूबुखारा की तासीर क्या है??
Answer:- हाँ, आलूबुखारा की तासीर ठंडी होती है।