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बाजार में बेचे जा रहे हैं नकली आलू, सावधान! जाने कौन असली कौन नकली

देश में इस समय नकली आलू बेचने की चर्चा बहुत तेजी से चल रही हैं। आपको बता दें कि हेमांगिनी आलू और चंद्रमुखी आलू के नाम पर महंगे दाम पर बेटा जा रहा हैं। इस नकली आलू में ना तो स्वाद होता है ना ही ठीक तरह से यह पकता है क्या है या पूरा मामला आइए जानते हैं।

नकली आलू को बेच कर कैसे बेवकूफ बना रहे हैं

बाजार में खानपान की चीजों पर जब महंगाई बढ़ती जा रही है तथा फूड प्रोडक्शन द्वारा सप्लाई कम हो जाता है तो दुकानदार नकली और मिलावटी सामान बेचकर ग्राहक को बेवकूफ बनाते हैं। इसका वजह है कि आज के समय ग्राहक जागरूक कम होता है और इसी लिए इन सब के शिकार में आ जाता है और नकली सामान को भी वह महंगे दामों पर खरीद कर लाता है। वही नकली फूड सेहत के लिए भी काफी हानिकारक होते हैं। जिससे कई बीमारियां भी होती है। इसलिए आप जब भी कुछ सामान खरीदने तो उसको जांच परख कर ही लाये।

आए दिन इस समय बाजार में नकली आलू की चर्चा काफी तेजी से चल रही है। लोगों को अच्छी क्वालिटी का आलू बताकर घटिया क्वालिटी के आलू महंगे दामों पर दिए जा रहे हैं। लोगों को आलू को लेकर इतनी जानकारी ना होने के कारण जनता को आराम से बेवकूफ बनाया जा रहा है।

असली नकली आलू का पूरा मामला क्या है

आप सभी को बता दें कि देश के बाजारों में हेमांगिनी’ या ‘हेमलिनी नामक आलू को चंद्रमुखी नाम आलू का नाम बताकर बेचा जा रहा है। आप सभी को बता दे की चंद्रमुखी आलू की सबसे अच्छी वैरायटी जो होती है वह बाजार में 50 रुपये किलो के भाव से बेचा जाता है। इससे बना हुआ भोजन बहुत स्वादिष्ट होता है वहीं अगर आप सामान्य आलू की बात करेंगे। तो वह 10 से 12 रुपये प्रति किलो मे बिकता है। जिसकी स्वाद की क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं होती है कि जितना चंद्रमुखी आलू की होती है। लेकिन इस समय ग्राहक के साथ धोखाधड़ी किया जा रहा है लोगों को चंद्रमुखी आलू बताकर उन्हें हेमांगिनी आलू दिया जा रहा है। यह दोनों आलू देखने में समान होती हैं। इसीलिए ग्राहक समझ नहीं पाते हैं और धोखा खा जाते हैं।

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हेमांगिनी आलू को क्यों कम पसंद करते हैं लोग

इस आलू को नापसंद करने की कोई वजह होती है। इसमें सबसे पहला इसका स्वाद बहुत कम होता है और इसको पकने की भी समस्या होती है। इसके साथ-साथ पंजाब के कई क्षेत्रों में हेमांगिनी आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। वहीं पर इस मामले में हुगली के सहकारी समिति के सदस्यों ने बताया कि हेमांगी आलू एक मूल हाइब्रिड वैरायटी है। जो दूसरे राज्यों से पंजाब में पहुंचता है। इस वैरायटी मे अधिक पैदावार होती है। इसीलिए किसान इसको करना ज्यादा पसंद करते हैं। क्योंकि किसान आलू की क्वालिटी पर ध्यान नहीं देते वह ज्यादातर देखते है कि अधिक से अधिक मात्रा में पैदावार कौन सी हो रही है।

वहीं अगर दूसरी तरफ चंद्रमुखी आलू की बात किया जाए तो इसको तैयार होने में लगभग 3 से 4 महीने लग जाते हैं। चंद्रमुखी आलू की उपज के बारे में बात किया जाए तो एक बीघा में लगभग 50 से 560 बोरी ही होती है। लेकिन हेमांगी आलू की बात किया जाए तो वह 45 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है और एक बीघा में लगभग 90 से 100 बोरी के बीच में उपज ली जाती है। इसीलिए किसान भाई इसको ज्यादा पैदावरा करते हैं। हेमांगी आलू में कम खर्च भी होता है इसके कारण किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं।

असली और नकली आलू की पहचान कैसे करें

हिमांगी आलू और चंद्रमुखी आलू नाम से तो दोनों अलग-अलग रहे हैं। लेकिन इन दोनों को सामान्य रूप से पहचानना बहुत ही मुश्किल नहीं होता है। इस प्रकार के दोनों आलू को पहचानने का सबसे अच्छा तरीका है। आप इन के छिलकों को देखे। दोनों आलू का छिलका पतला होता है और इसके अंदर का रंग अलग होता है। चंद्रमुखी आलू का रंग अंदर से मटमैला रंग का होता है। इस तरह से आप पहचान सकते हैं कि कौन असली आलू है और कौन नकली आलू है।

आज का यह महत्वपूर्ण लेख किसान भाइयों आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं अगर आपका कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट करके बताएं साथ ही साथ इस महत्वपूर्ण लेख को अपने अन्य किसान भाइयों तक जरूर पहुंचाएं जिससे वह भी इसका लाभ ले सके। धन्यवाद

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