भारत देश एक कृषि देश के रूप में जाना जाता है जहां पर 60 से 70% आबादी कृषि पर निर्भर है। खेती बाड़ी का कार्य करके जीवन यापन कर रहे हैं। हाल ही में लोकसभा में कृषि टैक्स पर सवाल उठाए गए थे। की क्या कृषि आय पर भी टैक्स लगना चाहिए या नही आइए जानते हैं क्या था पुरा मामला आप सभी की जानकारी के लिए बता दूँ की भारत में अभी तक कृषि पर होने वाले आय पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगता था। अभी तक फ्री था और किसान किसी भी प्रकार की खेती बाड़ी करके किसी मे आय का स्रोत करने पर उसके कोई भी पैसे नहीं देने पड़ते थे।
लोकसभा के सांसद श्री श्याम सिंह ने क्या है?
लोकसभा के सांसद मे 13 फरवरी 2023 को लोकसभा के सांसद श्री श्याम सिंह यादव ने सरकार से एक सवाल किया उन्होंने कहा कि सरकार को भारत में कृषि आय को कर योग्य बनाने के लिए आयकर अधिनियम 1961 की धारा (1) में परिवर्तन कर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इससे संबंधित जानकारी साझा की जाएगी अगर आप इस पर अपनी सहमति दे। यदि नहीं तो इसका कारण भी बताएं इसके, अलावा उन्होंने सरकार से अपने सवाल मे पूछा की क्या इस मुद्दे पर अध्ययन करने के लिए कोई कमेटी गठन की गई है। अगर की गई है तो उसका परिणाम क्या रहा है उसकी भी जानकारी दिया जाए।
कृषि आय पर नहीं लगेगा टैक्स
लोकसभा के सांसद श्याम सिंह यादव द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज सिंह चौधरी ने बताया कि अभी सरकार के पास ऐसे किसी भी प्रकार के कोई प्रस्ताव नहीं है भारत के संविधान अनुच्छेद 246 के अनुसार कृषि आय, राज्य सूची के अंतर्गत आता है उन्होंने यह साफ कर दिया कि पिछले 5 साल मे कृषि पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगाया गया ना ही इसके लिए कोई समिति गठन की गई है।
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गेहूं, चावल बेचने पर क्या लगेगा जीएसटी मंडियों में
इन सभी बातों के देखकर किसान भाइयों को मन में एक बहुत बड़ा सवाल उठ रहा होगा कि क्या अब मंडियों में गेहूं और चावल या अन्य फसल बेचने पर भी जीएसटी लगेगा तो किसान भाइयों इसके बारे में हम आपको बता रहे हैं आप हमारे साथ बनी रहे
आप के सवाल का जवाब श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने लोकसभा में सरकार पर यही सवाल उठाया कि क्या जीएसटी परिषद की राष्ट्रीय समिति ने मंडियों में गेहूं और चावल जैसे खाद्य बिक्री पर भी जीएसटी लगाने की अनुशंसा की गई है यदि की गई है तो इसकी जानकारी भी दिया जाए
तो इसका जवाब देते हुए वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज सिंह चौधरी ने बताया कि जीएसटी परिषद में दिनांक 28 जून 2022 में चंडीगढ़ में आयोजित 47 बैठक में कुछ कंपनियों का बिना नाम लिए हुए उन्होने ने कहाँ की उनसे जीएसटी लगाने के बजाय पैकेट और लेवल वस्तुओं पर जीएसटी लगाना चाहिए।
वही देश में दरों के युक्तिकरणऔर कर की चोरी को करने के उपाय किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्यों के अधिकारियों की फिटमेंट समिति के साथ कई बैठक भी हुई है। परिषद द्वारा गठित दर युक्तिकरण पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) शामिल थे, और अंत में जीएसटी परिषद द्वारा सिफ़ारिश की गई थी।
आप सभी किसान भाइयों को यह बता दे की जब ऐसी वस्तुओं को खुले रूप से 25 किलोग्राम से अधिक मात्रा के बड़े पैकेट बेचा जाता है। तो ऐसी वस्तुओं को बेचने पर जीएसटी से छूट मितली रहेगी। सिफ़ारिश को केंद्र और राज्यों द्वारा लागू किया गया था।
आज के इस महत्वपूर्ण आर्टिकल को लेकर आप सभी का कोई भी सावल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स मेंं ज़रूर लिखें और आर्टिकल कैसा लगा ये भी ज़रूर बताएं। इस लेख सभी किसान भाइयों तक शेयर ज़रूर करें, धन्यवाद।