Makhana Cultivation In Hindi : मखाने की खेती करके लाखो कमाने का मौका सरकार दे रही है।सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है. राज्य सरकार ने किसानों भाईयो की आमदनी बढ़ाने के लिए मखाना विकास योजना का आरम्भ किया है।. मखना की खेती करने के लिए सरकार किसानो को 72,7500 रुपये सब्सिडी के रुप मे दे रही है।
मखाना की खेती शुरू करके किसान भाई घर से लाखों रुपए कमा सकते हैं। मखना की मांग देश ही नहीं पूरे विदेशों में है। दुनिया भर में मखाना खाने वालों की संख्या करीब 70 से 80 परसेंट है। मखाना का उत्पादन ज्यादातर बिहार राज्य में होता है। बिहार में ही मखाना अनुसंधान केंद्र भी है। मिथिला मखना को जीआई टैग (GI) भी मिला चुका है। आज हम आपको बताएंगे कि मखाना की खेती (Makhana Farming) कैसे करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। तो हमारे साथ बने रहे।
मखाने की खेती पर कितनी सब्सिडी मिल रही है
बिहार सरकार ने मखाना की खेती करने के लिए किसान भाइयों को सब्सिडी देने का ऐलान किया है। बिहार के किसान मखाना की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। मखना विकास योजना के लिए किसान भाइयों को 75% तक सब्सिडी देने का ऐलान किया गया है। किसान भाई एक हेक्टेयर में मखना की खेती करने पर लगभग 97 लाख से 1 लाख रुपये तक की लागत आती है। इस पर सरकार द्वारा 72,500 की सब्सिडी दी जाएगी। किसान भाइयों को केवल अपनी जेब से 24,250 का खर्च करना होगा।
बिहार की कृषि उद्यान निदेशालय ने ट्वीट करते हुए बताया है की मखाना विकास योजना के तहत राज्य मे मखाना की खेती से मखाना उत्पादन की उत्पादकता को बढ़ाने का लक्ष्य है। किसान भाई इस योजना की अधिक जानकारी के लिए सहायक निदेशक, उद्यान से संपर्क करें ।
मखाना की खेती कैसी होती है (Makhana Farming)
मखाना की खेती एक ऐसी खेती है। जिसे जमीन पर नहीं पानी में उगाया जाता है। मखाना में करीब 10 से 11 ग्राम प्रोटीन और 14 से 15 ग्राम फाइबर पाया जाता है। मखना हमारे शरीर में कैल्शियम बढ़ाने का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है। मखना को जीआई टैग मिलने से पहले इसकी क्वालिटी और गुणवत्ता की जांच करने के बाद ही दिया गया। जांच करने के बाद ही निश्चित किया गया कि यह वस्तु सबसे अधिक नेचुरल केवल बिहार राज्य के लिए पाया जाता है।
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मखाने की खेती की महीने मे करें
मखाना की खेती साल में दो बार होती है। पहला मार्च महीने में किया जाता है और सितंबर महीने में हार्वेस्टर होती है। वहीं दूसरी फसल सितंबर और अक्टूबर में किया जाता है इसकी हार्वेस्ट फरवरी और मार्च महीने में किया जाएगा। मखाने की खेती एक फलदार खेती होती है। फल लगाने के लिए एक दो महीने बाद इसमें काटे आने शुरू हो जाते हैं। इसका फल पानी के निचले सदन में इकट्ठा होता है। इसके बाद फिर इसकी प्रोसेसिंग का कार्य होता है।
बिहार राज्य में मिथिलांचल बहुत बड़े स्तर पर मखाना की खेती होती है। मखाना की प्रोसेसिंग करने के बाद इसके बीजों को सुखाया जाता है। फिर उसके आकार पर उनकी ग्रेडिंग किया जाता है। मखाना का फल ऊपर से देखने पर बहुत ही कठोर होता है। इसे अधिक तापमान पर गर्म किया जाता है और फिर हथौड़े से फोड़ कर इसे अलग किया जाता है।
मखाना की खेती से कितनी कमाई होती है
मखाना की खेती करना बहुता ही आसान होती है। इसमे किसी प्रकार की कीटनाशक और खाद का प्रयोग नही होता है। मखाना की खेती मे कमाई यह आप के उपर निर्भर करेगा की आप तालाब की साइज कितना है। मखाना की खेती 2.5 से 3 लाख रुपये आसानी से कमा सकते है। साथ ही साथ इसके डंठल बेचकर भी पैसा कमा सकते हैं. मखाना की खेती करने के लिए मखाना का बीच खरीदने में ज्यादा खर्च नहीं है।
FAQ :
Q : मखाना की खेती एक हेक्टेयर मे कितना पैदावार होता है?
Ans : सामान्य प्रकार की तालाब में प्रति हेक्टेयर 25 कुंतल तक मखाने की पैदावार होती है जबकि खेतों में 35 कुंतल होता है.
Q : मखाना की खेती के लिए किस राज्य मे सब्सिडी मिल रही है?
Ans : बिहार सरकार ने मखाना की खेती करने के लिए किसान भाइयों को सब्सिडी देने का ऐलान किया है। मखना विकास योजना के लिए किसान भाइयों को 75% तक सब्सिडी दिया जायेगा।
Q : मखाना मे कौन-कौन सी प्रोटीन पाई जाती है?
Ans : मखाना में करीब 10 से 11 ग्राम प्रोटीन और 14 से 15 ग्राम फाइबर पाया जाता है। मखना हमारे शरीर में कैल्शियम बढ़ाने का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है।
Q : मखाना की खेती किस महीने मे करना चाहिए?
Ans : मखाना की खेती साल में दो बार होती है। पहला मार्च महीने में किया जाता है और सितंबर महीने में हार्वेस्टर होती है। वहीं दूसरी फसल सितंबर और अक्टूबर में किया जाता है इसकी हार्वेस्ट फरवरी और मार्च महीने में किया जाएगा।