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शहतूत के फायदे, नुकसान, वैज्ञानिक नाम, बनने वाली रेसपी

शहतूत एक प्रकार का फल है। यह फल छोटा होता है और कई रंग में फव देता है। शहतूत के फायदे शहतूत मीठे और रसीले होते हैं इसका जामुनों के समान जैम, जेली आदि में उपयोग किया जाता हैं। इसे ताजा खाया जा सकता है। ये एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी माने जाते है। शहतूत के पेड़ अपनी विशिष्ट पत्तियों के लिए जाने जाते हैं, जो अक्सर लोबदार होते हैं। उनके फल के अलावा, शहतूत के पेड़ों की कुछ प्रजातियों की खेती उनकी लकड़ी के लिए या बगीचों में सजावटी पेड़ों के रूप में भी की जाती है। शहतूत न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि इसमे कई विटामिन ए और सी, आहार फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट भी पाये जाते है। जो शरीर को कोशिका क्षति से बचाने में मदद करते हैं।

शहतूत का वैज्ञानिक नाम एवं कुल ( Tamarind Scientific Name in Hindi )

  • शहतूत का वैज्ञानिक नाम मोरस ( Morus) है।
  • यह मोरेसी कुल का पौधा हैं।
  • शहतूत के पेड़ों की कई प्रजातियाँ मे अंजीर और ब्रेडफ्रूट जैसे अन्य पौधे शामिल हैं।
  • शहतूत की रेसिपी कैसे बनाई जाती है। आइये जानते हैं शहतूत की चटनी कैसे बनाएं।

शहतूत की रेसपी

शहतूत सेहत के लिए अच्छा माना जाता है शहतूत खाने से शरीर के कई रोग खत्म हो जाते है। आज हम आपको शहतूत की चटनी के फायदे, शहतूत की चटनी कैसे बनाये जिसके लिए आपको बहुत ज्यादा सामग्री जुटाने की जरूरत नहीं है और बहुत ही कम समय में शहतूत की चटनी बनाकर तैयार कर सकते है।

शहतूत की चटनी बनाने के लिए सामान

  • शहतूत (mulberries)
  • प्याज (chopped)
  • अदरक (garlic)
  • तेल (oil )
  • करी पाउडर (curry powder)
  • जीरा पिसा हुआ (ground cumin)
  • पिसा हुआ धनिया ( ground coriander)
  • हल्दी ( turmeric)
  • मिर्च पाउडर (chili powder )
  • टमाटर ( tomato )
  • नमक ( Salt)
  • धनिया पत्ती (Fresh cilantro )

शहतूत की चटनी बनाने की विधि

  • सबसे पहले एक कड़ाही में तेल गरम करें या मध्यम आँच पर ।
  • इसके बाद उसमे कटा हुआ प्याज, कीमा बनाया हुआ लहसुन और अदरक डालें। प्याज़ को सुनहरा होने तक भूनें।
  • अब कराही में करी पाउडर, पिसा जीरा, पिसा धनिया, हल्दी और मिर्च पाउडर डालें। प्याज़ और मसालों को अच्छी तरह से मिलाएँ।
  • अब कटा हुआ शहतूत कराही में डाले और उन्हें मसाले और प्याज के साथ मिलाएं।
  • इसके बाद आँच को कम कर दें और लगभग 15-20 मिनट तक पकाये।
  • इसके बाद भुना हुआ जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, अदरक का पेस्ट, नमक और काला नमक डालें। सब कुछ एक साथ मिला लें।
  • अब चटनी को धीमी आंच पर 10-15 मिनट के लिए उबलने दें, बीच-बीच में चलाते रहें जब तक कि यह गाढ़ा न हो जाए।
  • आप चाहें तो करी को गाढ़ा करने के लिए चमचे से थोड़े से शहतूत को हल्का मैश कर सकते हैं।
  • अब कराही को आंच से उतार लें और चटनी को पूरी तरह से ठंडा होने दें।
  • ठंडा होने के बाद, शहतूत की चटनी को परोसे।
  • इस प्रकार से आप की शहतूत की चटनी तैयार हो गयी है।
  • ताज़ा और स्वादिष्ट शहतूत की चटनी का आनंद लें!

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शहतूत के फायदे (Benefits of Tamarind in Hindi)

शहतूत बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके बारे में पूरी जानकारी हम नीचे दे रहे है। आप इसे पुरा पढ़े

1. बालो के लिए शहतूत के फायदे

शहतूत विटामिन सी और फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता हैं, यह बालों को स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है। इसके साथ साथ शहतूत में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति बालों के विकास में सहायता कर सकती है। जो स्वस्थ बालों के विकास मे मदद करता है। शहतूत में विटामिन ई और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व होते हैं। जो स्वस्थ खोपड़ी को बनाए रखने के लिए फायदेमंद होते हैं। विटामिन ई स्कैल्प को मॉइस्चराइज़ करने में मदद करता है, सूखापन और खुजली को कम करता है।

2. लीवर के लिए शहतूत के फायदे

शहतूत एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं इसके साथ-साथ विटामिन सी और फ्लेवोनोइड्स, जो लीवर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद कर सकते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि यकृत क्षति को रोकने और यकृत स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है। शहतूत में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो उचित हाइड्रेशन बनाए रखने में योगदान कर सकती है।

3. त्वचा के लिए शहतूत खाने के फायदे

जैसा की हमने बताया की शहतूत में पानी की मात्रा अधिक होती है। जो त्वचा को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज रखने में मदद कर सकता है और यह त्वचा की लोच बनाए रखने, रूखेपन को रोकने मे भी मदद करता है। शहतूत विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत माना जाता हैं। इसे अपने आहार में शामिल करने से कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। जो त्वचा चिकना करने मे मदद करते है।

4. प्रेग्नेंसी में शहतूत के फायदे

शहतूत विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इनमें विटामिन ए, सी और ई के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम होता है। शहतूत फोलेट का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। जिसे फोलिक एसिड या विटामिन बी9 के रूप में भी जाना जाता है। फोलेट भ्रूण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शहतूत खाने के नुकसान (Side Effects of Tamarind Hindi)

शहतूत के खाने से हमें फायदे और नुकसान दोनों होते हैं नीचे हमने शहतूत के खाने से कुछ नुकसान के बारे में बताया है।

  • शहतूत को खाने से कुछ व्यक्तियों मे एलर्जी की समस्या देखी गई है। जिसमे पाचन संबंधी परेशानी का अनुभव हो सकता है। या सूजन, गैस या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या हो सकती है।
  • शहतूत में फाइबर की मात्रा अधिक जाती है इसके अधिक सेवन करने से उल्टी दस्त जैसी समस्या देखने को मिल सकती है

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1.) शहतूत का वैज्ञानिक नाम क्या है ?

Answer:- शहतूत का वैज्ञानिक नाम मोरस ( Morus) है।

2.) क्या रोज शहतूत खाना अच्छा है?

Answer:- शहतूत रोज खाने से शरीर स्वास्थ्य रहता है। शरीर के लिए जोखिम वाले कारकों को कम कर सकते हैं।

3.) शहतूत का साइड इफेक्ट क्या है?

Answer:- शहतूत खाने से पेट फूल सकता है । कुछ व्यक्तियों में एलर्जी का कारण भी देखा गया है।

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