सिंघाड़ा, जिसे वाटर कैलट्रॉप के नाम से भी जाना जाता है। सिंघाड़ा के फायदे, यह एक जलीय पौधा है। सिंघाड़े के कंद में कुरकुरे बनावट और थोड़ा मीठा स्वाद होता है। इसे अक्सर कच्चा या पका के खाया जाता है। सिंघाड़ा कैलोरी और वसा में कम होते हैं लेकिन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इसमे फाइबर, विटामिन बी 6, पोटेशियम, मैंगनीज और तांबा होता है। ये पोषक तत्व शरीर के लिए महत्वपूर्ण होते है।
सिंघाड़ा का वैज्ञानिक नाम एवं कुल ( Water chestnuts
Scientific Name in Hindi )
- सिंघाड़ा का वैज्ञानिक नाम Eleocharis dulcis है।
- यह Eleocharis कुल का पौधा है।
- गांठ गोभी की रेसिपी कैसे बनाई जाती है। आइये जानते हैं कच्चे सिंघाड़े की सब्जी कैसे बनाएं।
सिंघाड़ा की रेसपी
सिंघाड़ा सेहत के लिए अच्छा माना जाता है सिंघाड़ा खाने से शरीर के कई रोग खत्म हो जाते है। आज हम आपको कच्चे सिंघाड़े की सब्जी के फायदे, कच्चे सिंघाड़े की सब्जी कैसे बनाये जिसके लिए आपको बहुत ज्यादा सामग्री जुटाने की जरूरत नहीं है और बहुत ही कम समय में कच्चे सिंघाड़े की सब्जी बनाकर तैयार कर सकते है।
कच्चे सिंघाड़े की सब्जी बनाने के लिए सामान
- कच्चे सिंघाड़े (water chestnuts)
- टमाटर (tomatoes)
- लहसुन (garlic)
- अदरक (ginger )
- प्याज(onion)
- हरी मिर्च ( green chilies)
- गरम मसाला ( garam masala)
- हल्दी पाउडर (turmeric powder)
- लाल मिर्च पाउडर (red chili powder)
- जीरा पाउडर (cumin powder)
- धनिया पाउडर (coriander powder)
- नमक (Salt )
- तेल (Oil)
- हरा धनिया (Fresh coriander)
कच्चे सिंघाड़े की सब्जी बनाने की विधि
- सबसे पहले कच्चे सिंघाड़े को अच्छी तरह धो लें, और फिर इसे काट लें।
- अब मध्यम आँच पर एक कड़ाही में तेल गरम करें। उसमे जीरा डालें और कुछ सेकंड के लिए लाल होने दे।
- इसके बाद कटे हुए प्याज़ डालें और उसके हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
- अब कीमा बनाया हुआ लहसुन और अदरक डालें। एक मिनट के लिए भूनें जब तक कि कच्ची महक गायब न हो जाए।
- इसके बाद कराही में कटे हुए टमाटर डालें और तब तक पकाएं जब तक वे नरम न हो जाएं और अपना रस न छोड़ दें।
- अब हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालें। इसको अच्छी तरह मिलाएँ और एक मिनट के लिए पकाएँ ताकि मसाला अपना स्वाद छोड़ दें।
- इसके बाद कराही मे कच्चे सिंघाड़े के टुकड़े डालें और सभी चीज़ों को एक साथ मिलाएँ।
- अब कराही को ढक दें और कच्चे सिंघाड़े को मध्यम-कम आँच पर लगभग 10-15 मिनट तक पकने दें जब तक कि वे नरम न हो जाएँ। चिपकने से रोकने के लिए बीच – बीच मे चलाते रहे।
- जब कच्चे सिंघाड़े पक जाए तो इसके ऊपर गरम मसाला छिड़कें और अच्छी तरह मिलाएँ।
- इसके बाद सब्जी को चखें और यदि आवश्यक हो तो मसाला और डाले ।
- कुछ और मिनटों के लिए पकाएं, जिससे फ्लेवर मिक्स हो जाए।
- गर्मा-गर्म कच्चे सिंघाड़े की सब्जी निकालें और ताजा धनिया पत्ती भी डालकर परोसे।
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सिंघाड़ा के फायदे (Benefits of Water chestnuts
in Hindi)
कच्चे सिंघाड़े बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके बारे में पूरी जानकारी हम नीचे दे रहे है। आप इसे पुरा पढ़े
1. वजन कम करने के लिए सिंघाड़ा के फायदे
सिंघाड़ा फाइबर का एक अच्छा स्रोत माना जाता है, जो वजन घटाने में मदद करता है। शरीर मे अधिक फाइबर पाचन में सहायता करता है और मल त्याग में भी मदद करता है। सिंघाड़े में कैलोरी की मात्रा कम होती है। इनमें विटामिन बी6 और विटामिन सी जैसे विटामिन होते हैं, साथ ही पोटेशियम और मैंगनीज जैसे खनिज भी होते हैं। ये पोषक तत्व शरीर को स्वास्थ्य करने मे मदद करते हैं और वजन घटाने में भी मदद करते है।
2. आंखों के लिए सिंघाड़ा के फायदे
सिंघाड़े में विटामिन सी और फ्लेवोनॉयड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आंखों को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव आंखों की समस्याओं को कम करने मे मदद करते है। साथ ही साथ सिंघाड़ा विटामिन ए का अच्छा स्रोत माना जाता है। जो आँखो के लिए आवश्यक होता है। विटामिन ए रोडोप्सिन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो रेटिना में पाया जाने वाला वर्णक है जो कम रोशनी के लिए आवश्यक है।
3. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सिंघाड़ा के फायदे
सिंघाड़ा विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। जो अपने प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। विटामिन सी सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन का समर्थन करता है। यह एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी काम करता है जो कोशिकाओं को हानिकारक मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। सिंघाड़े में विटामिन सी और फ्लेवोनोइड्स सहित कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों को बेअसर करने और शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
4. हड्डियों के लिए सिंघाड़ा के फायदे
सिंघाड़े में कैल्शियम होता है। जो मजबूत और स्वस्थ हड्डियों के लिए एक महत्वपूर्ण होता है। कैल्शियम हड्डी को बनाने और मजबूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का उपयोग करने से हड्डियों मे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। इसके साथ-साथ सिंघाड़ा मे फास्फोरस भी पाया जाता है। जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए एक अन्य आवश्यक खनिज है।
सिंघाड़ा खाने के नुकसान (Side Effects of water chestnuts
Hindi)
सिंघाड़ा के खाने से हमें फायदे और नुकसान दोनों होते हैं नीचे हमने सिंघाड़े के खाने से कुछ नुकसान के बारे में बताया है।
- यह मधुमेह वाले व्यक्तियों या उनके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा या घटा सकता है। इस लिए बिना डाक्टर के सलाह के उपयोग ना करें।
- सिंघाड़े में ऑक्सालेट होते हैं,जो गुर्दे की पथरी का बनने का कारण बनते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1.) सिंघाड़ा का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
Answer:- सिंघाड़ा का वैज्ञानिक नाम Eleocharis dulcis है।
2.) सिंघाड़ा खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?
Answer:- सिंघाड़ा खाने के बाद पानी पीने से खांसी आ सकती है। सिंघाड़ा का अधिक उपयोग करने से पाचन तंत्र को प्रभावित हो सकता है।
3.) सिंघाड़ा कौन सी बीमारी में काम आता है?
Answer:- वैसे तो कई प्रकार की बिमारी मे सिंघाड़ा काम आता है जैसे- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में और हाई बीपी की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा हायपरटेंशन के लक्षणों को कम करने मे, आदि।