तुरई एक लोकप्रिय सब्जी है जो अपने हल्के स्वाद के लिए जानी जाती है। तुरई के फायदे ,तुरई एक बेलनाकार आकृति और चिकनी, गहरे हरे रंग की त्वचा होती है, हालांकि पीली और धारीदार किस्में भी इसकी बाजार मे उपलब्ध हैं। तुरई का गूदा कोमल और क्रीमी-सफ़ेद रंग का होता है। इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जो इसे ताज़ा और हाइड्रेटिंग बनाती है। तुरई को कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है। तुरई न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत उपोगी है। इसमे फाइबर, विटामिन (जैसे विटामिन सी और विटामिन ए), खनिज (पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे) और एंटीऑक्सिडेंट पाये जाते है।
तुरई का वैज्ञानिक नाम एवं कुल ( Zucchini Scientific Name in Hindi )
- तुरई का वैज्ञानिक नाम तोरई एक्यूटंगुला (Luffa acutangula ) है।
- यह कुकुर्बिटेसी कुल का पौधा हैं।
- यह एक उष्णकटिबंधीय सब्जी है जो आमतौर पर एशिया के कई हिस्सों में उगाई और खाई जाती है, खासकर भारत, चीन और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में।
- तुरई की रेसिपी कैसे बनाई जाती है। आइये जानते हैं तुरई की सब्जी कैसे बनाएं।
तुरई की रेसपी
तुरई सेहत के लिए अच्छा माना जाता है तुरई खाने से शरीर के कई रोग खत्म हो जाते है। आज हम आपको तुरई की सब्जी के फायदे, तुरई की सब्जी कैसे बनाये जिसके लिए आपको बहुत ज्यादा सामग्री जुटाने की जरूरत नहीं है और बहुत ही कम समय में तुरई की सब्जी बनाकर तैयार कर सकते है।
तुरई की सब्जी बनाने के लिए सामान
- तुरई (zucchinis )
- टमाटर (tomatoes)
- लहसुन (garlic)
- अदरक (ginger )
- प्याज(onion)
- हरी मिर्च ( green chilies)
- गरम मसाला ( garam masala)
- हल्दी पाउडर (turmeric powder)
- लाल मिर्च पाउडर (red chili powder)
- जीरा पाउडर (cumin powder)
- धनिया पाउडर (coriander powder)
- नमक (Salt )
- तेल (Oil)
- हरा धनिया (Fresh coriander)
तुरई की सब्जी बनाने की विधि
- सबसे पहले तोरई को अच्छी तरह धो लें, और फिर इसके सिरों की तरफ से काट लें। अपनी पसंद के आधार पर उन्हें छोटे स्लाइस में काटें।
- अब मध्यम आँच पर एक कड़ाही में तेल गरम करें। उसमे जीरा डालें और कुछ सेकंड के लिए लाल होने दे।
- इसके बाद कटे हुए प्याज़ डालें और उसके हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
- अब कीमा बनाया हुआ लहसुन और अदरक डालें। एक मिनट के लिए भूनें जब तक कि कच्ची महक गायब न हो जाए।
- इसके बाद कराही में कटे हुए टमाटर डालें और तब तक पकाएं जब तक वे नरम न हो जाएं और अपना रस न छोड़ दें।
- अब हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालें। इसको अच्छी तरह मिलाएँ और एक मिनट के लिए पकाएँ ताकि मसाला अपना स्वाद छोड़ दें।
- इसके बाद कराही मे तोरई के टुकड़े डालें और सभी चीज़ों को एक साथ मिलाएँ। तोरई मसाले के मिश्रण से ढकी हुई है।
- अब कराही को ढक दें और तोरई को मध्यम-कम आँच पर लगभग 10-15 मिनट तक पकने दें जब तक कि वे नरम न हो जाएँ। चिपकने से रोकने के लिए बीच – बीच मे चलाते रहे।
- जब तोरई पक जाए तो इसके ऊपर गरम मसाला छिड़कें और अच्छी तरह मिलाएँ।
- इसके बाद सब्जी को चखें और यदि आवश्यक हो तो मसाला और डाले ।
- कुछ और मिनटों के लिए पकाएं, जिससे फ्लेवर मिक्स हो जाए।
- गर्मा-गर्म तोरई की सब्जी निकालें और ताजा धनिया पत्ती भी डालकर परोसे।
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तुरई के फायदे (Benefits of Zucchini in Hindi)
तुरई बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके बारे में पूरी जानकारी हम नीचे दे रहे है। आप इसे पुरा पढ़े
1. एनीमिया के लिए तुरई खाने के फायदे
तोरई में आयरन पाया जाता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में एक आवश्यक है। अपने भोजन में तोरई को शामिल करने से शरीर के आयरन के स्तर बढ़ता है और एनीमिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ-साथ तोरई विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। एंटीऑक्सिडेंट कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाली क्षति से बचाने में मदद करते हैं।
2. आंखों के लिए तुरई के फायदे
तोरई विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है, जो एक एंटीऑक्सिडेंट है जो आंखों को तनाव और मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। आँखों में नाजुक ऊतकों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एंटीऑक्सिडेंट आवश्यक हैं। साथ ही साथ तोरई में बीटा-कैरोटीन होता है, जो शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है
3. त्वचा के लिए तुरई खाने के फायदे
तोरई में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जैसे विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन। ये एंटीऑक्सिडेंट त्वचा को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं, जो समय से पहले त्वचा की समस्याओं में योगदान करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट कोलेजन के उत्पादन का भी समर्थन करते हैं, एक प्रोटीन जो त्वचा को मुलायम बनाए रखने में मदद करता है।
4. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए तुरई के फायदे
तोरई पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर सोडियम के नकारात्मक प्रभावों का प्रतिकार करने में मदद कर सकता है। इसके साथ -साथ तोरई में कैलोरी कम होती है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के उद्देश्य से संतुलित आहार के लिए एक स्वस्थ जोड़ हो सकता है। तोरी को भोजन में शामिल करने से उच्च कैलोरी, कम पौष्टिक खाद्य पदार्थों को बदलने में मदद मिल सकती है।
तुरई खाने के नुकसान (Side Effects of Zucchini Hindi)
तोरई के खाने से हमें फायदे और नुकसान दोनों होते हैं नीचे हमने तोरई के खाने से कुछ नुकसान के बारे में बताया है।
- कुछ लोगों को तोरई खाने के बाद पेट फूलना, गैस या पेट खराब होने जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
- कुछ व्यक्तियों को तोरी से एलर्जी हो सकती है। तोरी से एलर्जी की प्रतिक्रिया में खुजली, पित्ती या सूजन जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1.) तुरई का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
Answer:- तुरई का वैज्ञानिक नाम तोरई एक्यूटंगुला (Luffa acutangula ) है।
2.) तोरई का दूसरा नाम क्या है?
Answer:- तोरई, तोरी या तुराई एक सब्जी है। इसे भारत के कुछ राज्यों में “झिंग्गी” या “झींगा” भी कहा जाता है।
3.) भुट्टा कब खाना चाहिए?
Answer:- तुरई की हरी सब्जी गर्मियों मे बहुत अच्छी होती है। यह पेट के लिए विशेष रूप से अच्छा है और पचाने में आसान है। इसे रात मे खा सकते है।