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किसान भाईयो अच्छे दिन लाने है तो CMG-1958 चने की किस्म को बोना है, कम पानी बंम्पर पैदावार

किसान भाईयो अच्छे दिन लाने है तो CMG-1958 चने की किस्म को बोना है, कम पानी बंम्पर पैदावार – खेती के क्षेत्र में, लगातार नई और उन्नत किस्मों को अपनाना कृषि की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि विज्ञान केंद्र, झालावाड़ ने ‘जीएनजी-1958’ चने की किस्म पेश करके इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो सीमित जल संसाधनों के साथ भी अपनी असाधारण उपज के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में,

जीएनजी-1958 चने की विशेषताएं

GNG-1958 चने की किस्म अपनी उल्लेखनीय विशेषताओं के लिए जानी जाती है, जो इसे किसानों के बीच पसंदीदा विकल्प बनाती है। इसकी मोटे दाने वाली प्रकृति उच्च उत्पादकता में महत्वपूर्ण योगदान देती है, जो कृषि प्रेमियों के लिए एक वरदान है। इसके अलावा, जीएनजी-1958 पेड़ों पर कीटों के सीमित संक्रमण के कारण कीट प्रबंधन पर खर्च कम हो जाता है, जिससे अंततः किसानों को अधिक मुनाफा होता है।

CMG-1958 के विशेष लाभ

चने की इस उन्नत किस्म के उपयोग से किसानों को कई लाभ मिलते हैं:

1. कम पानी में उपज

जीएनजी-1958 एक अनूठी विशेषता का दावा करता है – यह पानी की कमी वाली परिस्थितियों में भी भरपूर उपज देता है। सूखे की स्थिति में यह लचीलापन किसानों की आय की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, चुनौतीपूर्ण समय के दौरान स्थिरता प्रदान करता है।

2. कीट प्रबंधन

जीएनजी-1958 पेड़ों पर न्यूनतम कीट संक्रमण महंगे कीट प्रबंधन उपायों की आवश्यकता को कम करता है। इससे किसानों की लागत में बचत होगी और उनकी लाभप्रदता में और वृद्धि होगी।

3. कम लागत

जीएनजी-1958 की किफायती उत्पादन लागत किसानों को अधिक मुनाफा कमाने की अनुमति देती है। इस किस्म की वित्तीय व्यवहार्यता कृषि व्यवसायियों के लिए आर्थिक सुरक्षा के संभावित स्रोत के रूप में कार्य करती है।

4. डबल मुनाफा

किसान इस किस्म की खेती से अच्छी खासी शुद्ध आय की उम्मीद कर सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक खुशहाली बढ़ेगी।

किसानों के लिए CMG-1958 का उपयोग

GNG-1958 ग्राम किस्म का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है:

1. बीज उपलब्ध कराना

किसानों को जीएनजी-1958 बीजों की आपूर्ति करने से उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले बीजों तक पहुंच मिलती है, जिससे उत्पादकता और फसल की गुणवत्ता में संभावित वृद्धि होती है।

2. बीजोपचार

चने की खेती को अनुकूलित करने के लिए, पीएसबी कल्चर, राइजोबियम कल्चर, शाकनाशी और कीटनाशकों के अनुप्रयोग को शामिल किया जा सकता है। ये उपाय बेहतर प्रदर्शन और बेहतर पैदावार सुनिश्चित करते हैं।

3. विशेषज्ञ से ले सलाह

किसान इस किस्म की खेती और पोषण पर विशेषज्ञ की सलाह से लाभ उठा सकते हैं। व्यावसायिक मार्गदर्शन जीएनजी-1958 की खेती की सफलता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है।

जीएनजी-1958 पर विशेषज्ञों की राय

प्रमुख कृषि विशेषज्ञों ने जीएनजी-1958 के महत्व पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की है:

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अर्जुन कुमार वर्मा ने इस किस्म के महत्व पर जोर दिया और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के क्लस्टर फ्रंटलाइन प्रदर्शन में इसकी भूमिका पर चर्चा की।

कृषि विस्तार शिक्षा वैज्ञानिक और प्रदर्शन नोडल अधिकारी डॉ. मोहम्मद यूनुस ने जीएनजी-1958 की खेती करने वाले किसानों को आवश्यक उपकरण और तकनीकी मार्गदर्शन के प्रावधान पर प्रकाश डाला। यह समर्थन किसानों को अधिक उपज प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाता है।

जीएनजी-1958 और बागवानी फसलें

केंद्र के बागवानी वैज्ञानिक श्री अरविंद नागर ने कहा कि किसान जायद मौसम के दौरान फलों, सब्जियों और फूलों जैसी बागवानी फसलों की खेती करना सीखकर अपने ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं। बगीचों में उचित पोषण और जल प्रबंधन के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने अधिक उत्पादक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की क्षमता पर प्रकाश डाला।

कृषि विभाग की योजनाएँ

कृषि विभाग के मृदा वैज्ञानिक डॉ. सेवा राम रुंडला ने प्रधान मंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के बारे में जानकारी प्रदान की और मिट्टी के नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया के बारे में बताया। यह योजना मृदा स्वास्थ्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे कृषि परिणामों में सुधार होता है।

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FAQs

1.) क्या जीएनजी-1958 सभी क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है?

Ans:- जीएनजी-1958 की अनुकूलनशीलता इसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती है, लेकिन इष्टतम परिणामों के लिए स्थानीय जलवायु और मिट्टी की स्थितियों पर विचार किया जाना चाहिए।

2.) किसान GNG-1958 बीज कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

Ans:- किसान कृषि संस्थानों और बीज आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से जीएनजी-1958 बीज प्राप्त कर सकते हैं।

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