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गेहूं के उत्पादन में आ सकती है गिरावट जाने पूरी जानकारी कृषि वैज्ञानिकों ने क्या दिया सलाह

इस साल देश मे रिकॉर्ड गेहूं की बुवाई की गई है। जिसके कारण अनुमान लगाया गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल कि 11 से 12 करोड़ टन गेहूं  होने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन लगातार गर्मी के बढ़ते गेहूं की हालत खराब सी लग रही है। जिससे कि उत्पादन पर कुछ असर देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं विशेषज्ञों का क्या कहना है

गेहूँ उत्पादन में हो सकता है कमी

विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल गेहूं की बंपर उत्पादन की उम्मीद लगाई जा रही है। किसानों से लेकिन मौजूदा हालत को देखते हुए विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार गेहूं के उत्पादन में कुछ कमी हो सकती है। क्योंकि लगातार मौसम मे हो रहे बदलाव के कारण, क्योंकि आए कुछ दिनों में गर्मी से गेहूं की सेहत में कुछ बदलाव देखने को मिला है। कई राज्य में फरवरी का पहला सप्ताह ही बहुत अधिक गर्म हो गया था। जिसके कारण गेहूं के उत्पादन पर असर देखने को मिल सकता है। देश के अन्य राज्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब में भी इस बार मौसम खराब चलते गेहूं की कमी देखी जा सकता है।

केंद्र सरकार ने बनाया कमेटी

इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने गेहूं की उत्पादन पर किसी भी प्रकार का प्रभाव ना पड़े इसके लिए एक कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। जिससे कि पिछले साल की तरह फरवरी का तापमान बहुत अधिक गर्म होने के कारण बड़े पैमाने पर गेहूं के उत्पादन मे प्रभावित हुआ था। जो कि इस साल भी संभावना जताई जा रही है कि अगर अधिक गर्मी पड़ी तो गेहूं की फसल को नुकसान होता है। इसके लिए सरकार ने एक कमेटी गठित कर दी गई है। इस कमेटी की अध्यक्षता कृषि आयुक्त करेंगे और समय-समय पर गेहूं की निगरानी करेंगे अगर किसी भी प्रकार की किसी प्रकार की समस्या होती है। तो वह तुरंत किसानों तक उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे कि देश में अधिक से अधिक गेहूं का उत्पादन हो सके।

इन राज्यों में रहेगा सामान तापमान से अधिक तापमान रहेगा

तापमान की बढ़ोतरी केवल एक राज्य में नहीं है बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी दर्ज की जा सकती है मौसम विभाग के अनुसार जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में भी तापमान अधिक हो सकता है। जिसके कारण सरकार ने कमेटी गठन कर दिया कर दिया है। जिससे कि इन राज्यों में गेहूं की फसल पर लगातार निगरानी बनी रहे। अगर कहीं भी अधिक गर्मी बढ़ती है तो उस पर कार्य किया जा सके। कृषि मंत्रालय की कमेटी द्वारा किसान भाइयों को कम सिंचाई करने की भी सलाह दिया गया है। कमेटी की अध्यक्षता की जिम्मेदारी डॉक्टर आयुक्त प्रवीण को सौंपी गई है। वही साथ-साथ कमेटी के अन्य सदस्य भी गेहूं के उत्पादन के लिए राज्यों के प्रतिनिधि में शामिल किए गए हैं।

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जनवरी महीना ठंडा और फरवरी गर्म

विशेषज्ञों और अधिकारियों का मानना है कि इस बार गेहूं की बुवाई काफी अधिक किया गया है। लेकिन तापमान के अधिक होने के कारण उत्पादन मे थोड़ा सा मुश्किल होता दिखाई दे रहा है। इसकी वजह सीधा-सीधा है कि जनवरी महीने में ठंडी बहुत अधिक पड़ी और वही अब फरवरी महीने में गर्मी तेजी से बढ़ती जा रही है। देश मे उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में तापमान काफी तेजी से बढ़ा है। जिसके कारण साफ तौर पर फसलों पर इसका प्रभाव देखने को मिल मिलेगा।

सरकार ने लगाया था गेहूं के इतने टन होने के अनुमान

सरकार द्वारा इस सीजन में गेहूं की पैदावार का अनुमान लगभग की 11 से 12 करोड़ टन लगाया गया था। जो कि पिछले साल से गेहूं के उत्पादन में काफी ज्यादा मात्रा में अधिक है। अगर पिछले साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो गेहूं की उत्पादकता में कमी आई थी और देश में लगभग 10.77 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

आज के इस महत्वपूर्ण लेख मे हमने जाना गेहूं के उत्पादन में आ सकती है गिरावट कृषि वैज्ञानिकों ने क्या कहाँ। किसान भाइयों यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं अगर आपका कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट करके बताएं साथ ही साथ इस महत्वपूर्ण लेख को अपने अन्य किसान भाइयों तक जरूर पहुंचाएं जिससे वह भी इसका लाभ ले सके। धन्यवाद

FAQ :-

1.) इस वर्ष गेहूं का अनुमानित उत्पादन कितना है?

Answer:-विशेषज्ञों का अनुमान है कि पिछले वर्ष के 10.7 मिलियन टन की तुलना में इस वर्ष 11 से 12 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हो सकता है।

2.) क्या मौसम की स्थिति से गेहूं का उत्पादन प्रभावित होगा?

Answer:-जी हां, मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार गेहूं के उत्पादन में कुछ कमी रह सकती है।

3.) क्या सरकार ने गेहूं के उत्पादन पर मौसम के प्रभाव को रोकने के लिए कोई उपाय किया है?

Answer:-जी हां, केंद्र सरकार ने समय-समय पर गेहूं की निगरानी के लिए कृषि आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है और कोई समस्या होने पर आवश्यक कार्रवाई की है।

4.) खराब मौसम की स्थिति के कारण किन राज्यों में गेहूं की कमी हो सकती है?

Answer:-खराब मौसम की स्थिति के कारण जिन राज्यों में गेहूं की कमी हो सकती है, वे हैं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब आदि।

5.) इस वर्ष गेहूँ के उत्पादन में कमी होने के पीछे क्या कारण है?

Answer:- इस साल गेहूं की बुआई तेजी से हुई है। हालांकि फरवरी में तापमान अधिक होने के कारण उत्पादन में थोड़ी दिक्कत आ रही है।

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