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टमाटर की जैविक खेती कैसे करें? नर्सरी से लेकर तुड़ाई तक की पुरी जानकारी

देश में जैविक खेती की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। जैविक खेती से उगाई गई सब्जी की किमत बाजार अन्य सब्जियों की तुलना में महंगे दाम पर बिकते हैं। किसान भाई अपनी आय में वृद्धि करने के लिए जैविक खेती कर सकते हैं। जिसमें किसान टमाटर की जैविक खेती करके महिने का लाखों रुपए कमा सकते हैं। टमाटर की जैविक खेती में कम लागत मे अधिक मुनाफा अधिक होता है। आज के समय में देश में कई किसान टमाटर की जैविक खेती कर रहे हैं। अच्छा पैसा भी कमा रहे हैं।

आइए जानते हैं टमाटर की जैविक खेती कैसे करें पूरी जानकारी नीचे दी गई है तो लेख को पूरा पढ़ें।

टमाटर की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी

टमाटर की जैविक खेती करने के लिए किसान भाइयों को गोबर की साड़ी खाद अपने खेत में डालना चाहिए। इसके बाद उसको रोटावेटर से दो से तीन बार जुताई करना चाहिए। इसके बाद उसको पाटा लगाकर खेत को समतल बना देना चाहिए।

क्यारी का आकार कितना रखे

टमाटर की खेती के लिए क्यारी लगभग 1 से 2 मी. चौड़ी तथा 5 से 6 इंच ऊंची होनी चाहिए, लम्बाई आप अपने आवश्यकता अनुसार रख सकते है। जो आप क्यारी जो 2 से 3 मी. लम्बी, 1 से 2 मी. चौड़ी तथा 5 से 6 इंच ऊंची आकार की बनाये है उसमे आप 25 से 30 कि.ग्रा. गोबर की सड़ी खाद जरुर डाले। क्यारी बनाते समय क्यारी सीधी तथा समतल होना चाहिए।

टमाटर की खेती के लिए नर्सरी तैयार करना

टमाटर की खेती के लिए टमाटर के बीज को पंक्तियों में 4 से 5 सें.मी. की दूरी पर बोये। बुआई करने के बाद क्यारी को सूखी घास से ढक दे। दिन मे एक या दो बार सिंचाई जरुर करें मौसम के अनुसार। 4 से 6 दिन मे जब पौधे 10-12सें.मी. लम्बे हो जाये। तो पंचगव्य के घोल का छिड़काव करें,। बीच-बीच मे खरपतवार जरुर निकालते रहें तथा हल्की गुड़ाई की करे। 4 से 5 सप्ताह में जब टमाटर के पौधे 12 से 15 सें.मी. ऊंचे हो जाते हैं। अब आप उस टमाटर के पेड़ को खेत में रोपाई कर सकते हैं। रोपाई करने के 2 से 3 घंटे पहले आपको उसमें पानी डाल देना है। इसके बाद आप उस नर्सरी को ले जाकर खेत में रोपाई करें। रोपाई हमेशा शाम के समय ही करें और करने के बाद एक बार पानी जरूर दें।

प्रोट्रेज में पौधा कैसे तैयार करें

टमाटर की नर्सरी आप प्लास्टिक ट्रे मे उगा सकते है। बाजार आप प्लास्टिक ट्रे जो लगभग 2 से 3 सुराख हो ले सकते है। इसके बाद उसमे सड़ी गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट भर दे। इसके बाद ट्रे के एक-एक छिद्र में एक ही बीज डालें। इसके बाद रोजाना उसमें आप पानी की हल्का फुआरा देते रहें 20 से 25 दिनों में आपके टमाटर की नर्सरी तैयार हो जाएगी और आप उसको खेत में ले जाकर लगा सकते हैं।

टमाटर की खेती करने का सही समय

भारतीय मौसम के हिसाब से टमाटर की खेती हर क्षेत्र में अलग-अलग समय पर किया जाता है। जैसे निचले पर्वती क्षेत्र में जून से जुलाई के बीच में आपको टमाटर की खेती करनी चाहिए। वही मध्य पर्वती क्षेत्र में फरवरी से मार्च के बीच में टमाटर की खेती करनी चाहिए। और वही ऊचे पर्वती क्षेत्र में अप्रैल से मई के बीच टमाटर की खेती करनी चाहिए।

टमाटर की खेती सिंचाई की आवश्यकता

टमाटर की खेती में पानी सही समय पर देने पर आप पौधे की अच्छी विकास देख सकते हैं। टमाटर की फसल में ड्रिप सिंचाई बहुत ही प्रभावशाली मानी जाती है। गर्मियों के मौसम में आपको 3 से 4 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए। वही फल तैयार होने तक आपको 6 से 7 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।

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टमाटर कि उन्नत किस्मे

टमाटर का बीज आप किसी कृषि सेवा केंद्र या पंजीकृत दुकानदार से ले सकते हैं। टमाटर की देशी और हाइब्रिड दोनों किस्मे आती है जो निम्न प्रकार की है।

देशी किस्में- पूजा रूबी, पूजा -120, पूसा शीतल, पूजा गौरव, आदि

हाइब्रिड किस्में– पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाइब्रिड-4, अवंशिका-2, 501, 2535 उत्साह, सहित कई हाइब्रिड किस्म आप लगा सकते है।

टमाटर की खेती मे लगने वाले रोग और उपाय

टमाटर की खेती में कई प्रकार की कीट लगते हैं। जैसे फल छेदक, फल मक्खी, माईट, सफेद मक्खी, सुरंगी कीट, कटवा कीड़ा आदि प्रकार के कई कीट पौधे में लगते हैं। जो हमारे टमाटर की फसल की पैदावार को कम करने के साथ ही साथ इनकी गुणवत्ता पर भी असर डालते हैं।

कड़वा कीट- कड़वा कीट यह बड़े आकार तथा भूरे रंग के होते हैं। 5 से 6 सेंटीमीटर के आकार के होते हैं और उनके पंख हल्का सफेद रंग के होते है। इससे बचने के लिए हमें गली सड़ी खाद का प्रयोग करना चाहिए तथा 1 वर्ष जिस खेत में टमाटर की खेती किए हैं। उस वर्ष दुबार उसकी खेती ना करें तथा अधिक प्रकोप होने पर नीम, तेल का छिड़काव करें।

फल छेदक- यह कीट हल्के गुलाबी रंग के होते हैं इनके शरीर के दोनों तरफ भूरे रंग की लाइन होती है। यह कीट मार्च और अप्रैल में ज्यादा लगते हैं। इस इस कीट के प्रकोप से 60 से 70% फसल नुकसान होता है। इसकी रोकथाम के लिए जब टमाटर के खेत में फूल आ रहे हो। तो उस समय बेसिलस थूरिनजैन्सिस वार कुर्सटाकी 5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

फल मक्खी- यह कीट पंख वाली और मध्य आकार की होती है। इसके शरीर के दोनों पंखों पर भूरे रंग के धब्बे होते हैं। इस मक्खी की मादा टमाटर में डंडी वाले स्थान पर या उसके आसपास अंडे देती है। यह टमाटर के अंदर घुस कर उसके गूदे को खाते हैं और फल सड़ जाता है। इसके जून और जुलाई के समय में ज्यादा प्रकोप दिखाई देते हैं। इसके रोकथाम के लिए नीम, तेल का छिड़काव करके कम किया जा सकता है।

माईट- यह कीट हल्के पीले रंग के होते हैं तथा शरीर के पृष्ठ भाग में दो धब्बे होते हैं। रोकथाम के लिए नीम के बीजों को पीसकर पाउडर बनाकर पानी में घोलकर बनाकर 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें।

सफेद मक्खी- यह कीट बहुत छोटा होता है, जिसके चारों पंख सफेद होते हैं। इस कीट के लगने के बाद पौधे की प्रकाश संश्लेषण क्रिया होनी रुक जाती है। इसके रोकथाम के लिए पौधों पर नीम (1-3 मि.ली. प्रति लीटर पानी) | का छिड़काव करें। या पीले ट्रेप्स का भी उपयोग कर सकते है।

सुरंगी कीड़ा- यह कीट हलका पीले रंग का होता है। यह पत्तों में सुरंगें बनाते हैं। यह पत्तों के अंदर जाकर पत्तों का हरा पदार्थ चूस लेती हैं। इसके रोकथाम के लिए पौधों पर नीम का छिड़काव करें।

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टमाटर की तुड़ाई एवं पैदावार

टमाटर की तुड़ाई इस बात पर ज्यादा निर्भर करती है। कि आपको टमाटर कितनी दूर मंडी मे ले जाना है। अगर आपको दूर मंडियों में जाना है। तो आप जब टमाटर हल्का गुलाबी रंग का हो जाए। तभी आप उसे तोड़ सकते हैं और मंडियों में ले जा सकते हैं। सामान्य प्रकार की किस्मों में टमाटर की 350 से 400 कुंतल प्रति हेक्टेयर तथा हाइब्रिड प्रकार की किस्मो में 400 से 500 क्विंटल हेक्टेयर से अधिख तक पैदावार किया जाता है।

टमाटर का भंडारण कैसे करें

टमाटर का भंडारण करने के लिए आपको 10-15° सै. तापमान तथा 80 से 50% सापेक्षिक आर्द्रता में 30 दिनों तक रखा जा सकता है। लेकिन इस वही टमाटर रखे जिसकी तुड़ाई टमाटर के हरे रंग होने पर की गई हो। पके हुए टमाटर को 5 सै. तापमान पर 8 से 10 दिन तक ही रखा जा सकता है।

FAQ :

Q : टमाटर की एक हेक्टेयर मे कितना पैदावार होता है?

Ans : सामान्य प्रकार की किस्मों में टमाटर की 350 से 400 कुंतल प्रति हेक्टेयर तथा हाइब्रिड प्रकार की किस्मो में 400 से 500 क्विंटल हेक्टेयर से अधिख तक पैदावार किया जाता है।

Q : टमाटर की फसल मे लगने वाले रोग?

Ans : टमाटर की फसल में कई प्रकार रोग लगते हैं। जैसे फल छेदक, फल मक्खी, माईट, सफेद मक्खी, सुरंगी कीट, कटवा कीड़ा आदि।

Q : टमाटर की उन्नत किस्मे कौन सी है?

Ans : टमाटर की निम्न उन्नत किस्मे है जैसे-  पूजा रूबी, पूजा -120, पूसा शीतल, पूजा गौरव, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाइब्रिड-4, अवंशिका-2, 501, 2535 उत्साह, आदि किस्मे है।

Q : टमाटर की खेती किस महीने मे करना चाहिए?

Ans : टमाटर की खेती निचले पर्वती क्षेत्र में जून से जुलाई मे। वही मध्य पर्वती क्षेत्र में फरवरी से मार्च मे। और वही ऊचे पर्वती क्षेत्र में अप्रैल से मई के बीच टमाटर की खेती करनी चाहिए।

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