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मिट्टी की जांच क्यों और कहाँ से करवाएँ, पुरी जानकारी

मिट्टी की जांच :- खेती-बाड़ी में बेहतर पैदावार और अधिक उत्पादन के लिए मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। जिसके लिए किसानों को समय-समय पर मिट्टी की जांच करानी चाहिए। मिट्टी की जांच कराने की क्या प्रक्रिया है, कहां से मिट्टी की जांच कराएं, मिट्टी की जांच कराना क्यों जरूरी है, इन सभी विषय पर आज हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं तो लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

जिस प्रकार एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए सही खानपान का होना बहुत जरूरी होता है। उसी प्रकार एक पौधे की अच्छी वृद्धि और ग्रोथ के लिए कुल 16 से 17 पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। जिस के लिए आप को मिट्टी की जांच कराने के बाद ही पता चलता है की खेती मे कौन से पोषक तत्व है और कौन से नही। इसके बाद ही खेती में बंपर पैदावार के लिए आप संतुलन मात्रा मे ही पोषक तत्व का प्रयोग करके पैदावार को बढ़ा सकते है।

मिट्टी की जांच कराने से हमें कई चीजें पता चलती है कि मिट्टी में कौन सा पोषक तत्व अभी उपलब्ध है, कौन सा नहीं है। जिससे हम जो भी फसल पैदावार करने वाले हैं। उसको उस प्रकार के पोषक तत्व दे। यह सब मिट्टी जांच कराने के बाद ही पता चलता है। मिट्टी की जांच कराने के लिए प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भी चलाई जा रही है।

मिट्टी की जांच कब व क्यो कराएँ :-

  • एक खेत में कई सालों से फसल पैदावार करने के बाद उस खेत की मिट्टी की जांच करनी जरूरी होती है। क्योंकि मिट्टी की जांच कराने के बाद हमें पता चलता है। कि कौन पोषक तत्व कितनी मात्रा में उपस्थित है या नहीं।
  • मिट्टी में बोई जाने वाली फसलों में कितनी मात्रा में पोषक तत्व की आवश्यकता है यह भी मिट्टी जांच कराने के बाद ही पता चलता है।
  • किसान भाई अपनी फसल की कटाई के बाद मिट्टी की जांच करा सकते हैं या किसान भाई फसल की बुवाई 1 महीने पहले भी खेत की मिट्टी की जांच करा सकते हैं।
  • मिट्टी की जांच समांतर 3 से 4 वर्ष में जरूर करानी चाहिए जिससे खेत में पोषक तत्वों की कमी का पता चल सके और आप उस पोषक तत्व की कमी को पुरा करके उस खेत से अच्छी पैदावार कर सकें।

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मिट्टी जांच से लाभ-

  • मिट्टी की जांच से हम उस खेत में किस फसल में अच्छी पैदावार कर सकते हैं यह जान सकते हैं।
  • मिट्टी की जांच से हमें पता चलता है कि खेत में किस पोषक तत्व की कमी है या अधिकता है तथा भूमि में कितने सूक्ष्म पोषक तत्व हैं।
  • मिट्टी की जांच से हमें खेत की अम्लीय और क्षारीय गुणों का भी पता चलता है।
  • मिट्टी की जांच के द्वारा हम कार्बन उत्सर्जन कम कर सकते हैं।
  • जांच से हम अपने खेत की गुणवत्ता को हमेशा बरकरार बना सकते हैं।
  • मिट्टी की जांच के द्वारा हम उर्वरक खाद की लागत को भी कम कर सकते हैं।
  • मिट्टी के जांच से प्रदूषण भी कम होता है।
  • मिट्टी की जांच के द्वारा आप फसल मे लगने वाली बीमारियों को भी कम कर सकते है।

मिट्टी जांच की नमूना कैसे ले:-

  • मिट्टी की जांच कराने के लिए आपको कुछ नमूने लेने पड़ते हैं। नमूने लेने के लिए आपको इन चीजों की जरूरत पड़ सकती है। जैसे- खुरपी, कुदाल, कपड़ा या पॉलिथीन, बैग, मार्कर आदि.।
  • नमूना लेने के लिए आपको एक एकड़ वाले खेत में लगभग 10-12 जगह पर V आकार के 5 से 6 इंच के गड्ढे बनाने हैं।
  • खुरपी या कुदाल की सहायता से आप V आकार के किनारों पर 1 सेंटीमीटर या 2 सेंटीमीटर पर हल्की मिट्टि हटाने के बाद नीचे की मिट्टी को एक थैले में जमा कर ले।
  • इस सभी गड्ढों से प्राप्त मिट्टी को एकत्र करें और उसमे से सभी कंकड़ पत्थर को हटा दें।
  • अब आपको सभी मिट्टी को गोलाकार में फैला कर उसे चार हिस्सों में बांट देना है। इसके बाद अपने सामने के दो हिस्से को रखकर बाकी हिस्से को फेक देना है।
  • इस बात का जरूर ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया तब करना है जब तक नमूने की मिट्टी 500 से 600 ग्राम ना रह जाऐ।
  • इसके बाद उस बचे हुए 500 ग्राम मिट्टी को एक थैली में भरकर आपको अपना नाम, पिता का नाम, गांव का नाम, खसरा नंबर, प्रस्तावित फसल, सहित सभी जानकारियां भरकर नमूने को मिट्टी जांच प्रयोगशाला में भेज देना चाहिए।

नमूना लेते समय ध्यान रखने योग्य बाते :-

  • नमूना लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि उस खेत में खाद या उर्वरक ना डाला हो उसी स्थान से नमूना ले
  • किसी छायादार या वृक्ष के नीचे के नीचे का नमूना ना लें।
  • खेत की सिंचाई वाली नाली से भी आप नमूना ना ले।
  • अगर खेत में फसल खड़ी है तो नमूना लेते समय पंक्तियों के बीच से लेना चाहिए और कम से कम 6 इंच की गहराई तक होना चाहिए।
  • मैं आपको बता दें कि बागवानी फसलों के लिए नमूना लेते समय 50 से 60 सेंटीमीटर से अधिक की गहराई तक का नमूना लेना चाहिए।

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मिट्टी की जांच कहां कराएं

मिट्टी की जांच कराने के लिए किसान भाई कृषि विभाग से मदद ले सकते हैं या अपने जिले में स्थापित कृषि विभाग मिट्टी की जांच करवा सकते हैं। सरकार इसके लिए निशुल्क सॉयल हेल्थ कार्ड भी बनाया जाता है। जहां से आप फ्री में मिट्टी की जांच करवा सकते हैं। किसान प्राइवेट मिट्टी परीक्षण केंद्र के माध्यम से भी मिट्टी का जांच किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए आप अपने जिले के कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

FAQ :

Q : मिट्टी की जांच कैसे कराएं?

Ans : मिट्टी की जांच कराने के लिए अपने जिले में स्थापित कृषि विभाग मे मिट्टी की जांच करवा सकते हैं। सरकार इसके लिए नि:शुल्क सॉयल हेल्थ कार्ड भी बनाया जाता है।

Q : मिट्टी का नमूना कैसे ले?

Ans : नमूना लेने के लिए खेत मे 5 से 6 इंच के गड्ढे बनाने हैं। गड्ढो के किनारों पर हल्की मिट्टि हटाने के बाद नीचे की मिट्टी को एक थैले में जमा कर ले अब आपको मिट्टी को गोलाकार में फैला कर उसे चार हिस्सों में बांट देना है। इसके बाद अपने सामने के दो हिस्से को रखकर बाकी हिस्से को फेक देना है। यह प्रक्रिया तब करना है जब तक नमूने की मिट्टी 500 से 600 ग्राम ना रह जाऐ।।

Q : मिट्टी की जांच घर पर कैसे करें?

Ans : घर पर मिट्टी जांच करने का को उचित तरिका नही है मिट्टी जांच कराने के लिए आप मिट्टी परीक्षण केंद्र के माध्यम से करा सकते है।

Q : मिट्टी की जांच कितने वर्ष मे करनी चाहिएं?

Ans : मिट्टी की जांच समांतर 3 से 4 वर्ष में जरूर करानी चाहिए जिससे खेत में पोषक तत्वों की कमी का पता चल सके और आप उस पोषक तत्व की कमी को पुरा करके उस खेत से अच्छी पैदावार कर सकें।

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