किसान भाइयों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। किसान भाइयों अब आईसीआर के वैज्ञानिकों की तरफ से एक ऐसी गेहूं की किस्म विकसित की गई है। जिसकी बुवाई अगर आप 25 से 30 अक्टूबर तक करें करेंगे। तो 100-110 दिनों में ही अनाज बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और फरवरी से मार्च के बीच में इसके लिए एक लंबा समय भी मिलेगा।
इस नई किस्म को गर्मी नहीं करेगी प्रभावित होगा बंपर उत्पादन
किसान भाइयों इस हर साल फरवरी में लगातार बढ़ती गर्मी की वजह से गेहूं के उत्पादन को लेकर किसान भाइयों को चिंता का विषय बना रहता है। इसी को देखते हुए आईसीआर के वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक ऐसी किस्म को विकसित किया है। जो गर्मी को बर्दाश्त करके अच्छा उत्पादन देगी। यह किस्म गर्मी को आराम से झेलकर गेहूं की अच्छी उत्पादन देगी। अगर देख जाए तो पिछले साल भी गर्मी पड़ने की वजह से गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ था। जिससे किसान भाई इस साल भी डरे हुए हैं। क्योंकि गेहूं एक प्रमुख उत्पादन है। यह सभी क्षेत्रों में लगातार तापमान के बढ़ने से फसल पर बहुत भारी नुकसान होता है।
आईसीआर के वैज्ञानिकों ने खोजी नई किस्में
- किसान भाइयों की लगातार इस समस्या को देखते हुए आईसीआर के वैज्ञानिकों ने एक नई किस्म की खोज की है।
- इस साल गेहूं की बंपर उत्पादन की उम्मीद की गई थी। लेकिन लगातार बढ़ती गर्मी के प्रभाव से सरकार द्वारा एक कमेटी का गठन भी किया गया है।
- जो कि मौसम की निगरानी करेगा और फसल पर लगातार अपनी नजर बनाए रखेगा। क्योंकि सभी इलाकों में गेहूं की कटाई भी नहीं हुए हैं।
- वहीं पिछले वर्ष मार्च महीने में अचानक तापमान बढ़ने से गेहूँ उत्पादन में भारी गिरावट आई थी और सरकार के स्टॉक पर भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा था। हालांकि इस बार पिछले बार की तरह नहीं होगा।
- क्योंकि सरकार ने इसके लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है जो इस पर लगातार नजर बनाए रखेगी।
बढ़ते तापमान का कोई असर नहीं होगा
गेहूं की फसल की बुवाई से लेकर उसकी कटाई तक लगभग 140 से 145 दिन का समय लगता है। किसान भाई जब खरीफ फसल की कटाई करते हैं। तब इसके बाद गेहूं की फसल की बुवाई करते हैं। जो कि इसके पूर्ण रुप से तैयार होने में काफी लंबा समय लगता है। अगर इसके बीच गर्मी बढ़ती है। तो फसल में नुकसान होता है। इसी समस्या को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने “माइल्ड वर्नालाइजेशन रिक्वायरमेंट” या फूलों की शुरुआत के लिए कम सर्दियों के तापमान की एक निश्चित न्यूनतम अवधि की आवश्यकता के साथ इस किस्म को विकसित किया है।
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गेहूं की फसल जल्द होगी तैयार
- किसान भाइयों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक ऐसी किस्म की विकसित की है।
- जिसकी बुवाई 20 से 25 अक्टूबर तक करने के बाद इस किस्म को 100 से 110 दिनों के बाद ही अनाज बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और फरवरी और मार्च के बीच में एक लंबा समय मिलेगा।
- इसमें गेहूं पूरी तरह से तैयार हो सके। क्योंकि जब शुरुआत के दाने तैयार होते हैं। तो उस समय तापमान 30 डिग्री के आसपास होना चाहिए।
- खबरों से मिली जानकारी के अनुसार राजवीर यादव ने बताया कि जल्दी बुवाई के बावजूद जल्दी नहीं बढ़ने से नई किस्में अनाज के वजन के साथ साथ अधिक बायोमास जमा करने में सक्षम होती हैं। यह गर्मी को मात दे सकती है
गेहूं की यह तीन किस्मे है
आईसीआर के वैज्ञानिकों ने गेहूं की ऐसे 3 किसानों को विकसित किया है। जो सभी जीनों में शामिल किया जाएगा। HDCSW-18 गेंहू की यह एक ऐसी किस्म है, जिसे 2016 द्वारा अधिसूचित किया गया था। एचडी 3410 दूसरी किस्म 2022 में किया गया था। जिसकी उत्पादन क्षमता अधिक है। एचडी 3385 तीसरी किस्म है जिससे उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
आज के इस महत्वपूर्ण लेख मे हमने जाना गेहूं के उत्पादन में आ सकती है गिरावट कृषि वैज्ञानिकों ने क्या कहाँ। किसान भाइयों यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं अगर आपका कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट करके बताएं साथ ही साथ इस महत्वपूर्ण लेख को अपने अन्य किसान भाइयों तक जरूर पहुंचाएं जिससे वह भी इसका लाभ ले सके। धन्यवाद
FAQ :-
1.) किसान भाइयों के लिए अच्छी खबर क्या है?
Answer:- अच्छी खबर यह है कि ICR के वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक नई किस्म विकसित की है जो गर्मी को सहन कर सकती है और बंपर उत्पादन प्रदान कर सकती है।
2.) गेहूँ की नई किस्म कब बोनी चाहिए?
Answer:- गेहूं की नई किस्म की बुआई 25 से 30 अक्टूबर के बीच कर लेनी चाहिए।
3.) गेहूँ की फसल बोने के बाद तैयार होने में कितना समय लगता है?
Answer:- गेहूं की नई किस्म को बोने के बाद दाना बनने की प्रक्रिया शुरू करने में लगभग 100-110 दिन लगते हैं।
4.) क्या बढ़ते तापमान का गेहूं की नई किस्म पर असर पड़ेगा?
Answer:- नहीं, बढ़ते तापमान का गेहूं की नई किस्म पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसे गर्मी सहन करने के लिए विकसित किया गया है।
5.) आईसीआर के वैज्ञानिकों ने गेहूं की कितनी किस्मों का विकास किया है?
Answer:- ICR के वैज्ञानिकों ने गेहूं की तीन प्रकार की किस्में विकसित की हैं।
6.) आईसीआर वैज्ञानिकों द्वारा विकसित गेहूं की तीन किस्मों के नाम क्या हैं?
Answer:- गेहूँ की तीन किस्मों के नाम HDCSW-18, HD 3410 और HD 3385 हैं।
7.) HDCSW-18 और HD 3410 को कब अधिसूचित किया गया था?
Answer:- HDCSW-18 को 2016 में अधिसूचित किया गया था, जबकि HD 3410 को 2022 में अधिसूचित किया गया था।