भारत देश उड़द का उत्पादन करने में सबसे अग्रिम देश के रूप में जाना जाता है। उड़द की खेती समान रूप से खरीफ सीजन की मुख्य फसल मानी जाती है। लेकिन इसे रवि की फसल के बाद वसंत सीजन में भी काफी किसान उगाते हैं और अच्छा पैदावार प्राप्त करते हैं। उड़द की दाल की कीमत बाजार में बहुत अधिक होती है। क्योंकि उड़द की दाल में 23 से लेकर 25% तक प्रोटीन पाया जाता है। जिससे बाजार में इसकी मांग हमेशा रहती है। उड़द की खेती करने पर किसान भाई के खेत में डालने के लिए खाद के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। आज हम जानेंगे की उड़द की उन्नत खेती कैसे करेंगे और सबसे उत्तम सीजन कौन सा माना जाता है।
उड़द की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
- उड़द की खेती गर्मी के मौसम में करना सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि इसकी फसल की वृद्धि के लिए 25 से 30 डिग्री तापमान सबसे अच्छा माना जाता है।
- साथ ही साथ इसमे थोड़ा बहुत हल्के पानी की जरूरत होती है। इसके लिए लगभग 700 से 900 मिमी वर्षा वाले क्षेत्र में उड़द की खेती अच्छे से किया जा सकता है।
- इस बात का ध्यान रखे की इसमें जल की अधिकता ना होने पाये। वहीं अगर सामान्य रूप से देखा जाए तो उड़द की खेती मानसून आने से पहले इसकी खेती किया जाता है।
- मतलब जून के अंतिम महीने में इसकी बुवाई करनी चाहिए। बुवाई करते समय पौधों की दूरी कम से कम 10 सेमी और बीज को भी लगभग 4 से 6 सेमी गहराई पर बोया जाना चाहिए।
- देश में कई किसान इसे ग्रीष्म काल में भी इसकी बुवाई करते हैं मतलब फरवरी के अंतिम महीने या अप्रैल के शुरुआत में भी इसकी बुवाई करते हैं और अच्छी फसल प्राप्त करते हैं।
उड़द की खेती करने का तरीका
- उड़द की खेती मे बहुत कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। लेकिन किसान भाइयों इस की खेती के दौरान आपको तीन से चार बार हल्की सिंचाई जरूर करना चाहिए।
- पहली सिंचाई आपको पलेवा के रूप में करना चाहिए, बाकी आप को 20 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।
- फसल की अच्छी वृद्धि के लिए आपको समय-समय पर इसकी निराई गुड़ाई करते रहना चाहिए।
- अगर आपके फसल में किसी प्रकार के कीट लगते हैं। तो आप नींदानाशक वासलिन का छिड़काव भी कर सकते हैं। लेकिन इस बात को ध्यान रखना चाहिए 800 मिली से 1000 मिली प्रति एकड़ 250 लीटर पानी में घोल कर इसका छिड़काव करें।
- फसल में अच्छी पैदावार पाने के लिए आपको खरपतवार को नियंत्रण करना बहुत ही जरूरी होता है। इसके लिए आप अपने खेत में वासलिन-1किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 1000 लीटर पानी के से खेत में बुवाई से पहले इसका छिड़काव करें और फिर बुवाई के बाद फसल में पेन्डीमिथालीन 25 किग्रा 1000 लीटर पानी की मात्रा में घोलकर इसका छिड़काव करें।
- जब फसल तैयार हो जाए तब उसके 15 दिनों पर इसकी देखभाल करना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि उस समय में बहुत तेजी से कीट लगते हैं और फसल को नुकसान कर देते हैं।
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निषर्क
आज का यह महत्वपूर्ण लेख मे हमने उड़द की उन्नत खेती के बारे मे बात किया, किसान भाइयों यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं अगर आपका कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट करके बताएं साथ ही साथ इस महत्वपूर्ण लेख को अपने अन्य किसान भाइयों तक जरूर पहुंचाएं जिससे वह भी इसका लाभ ले सके। धन्यवाद
उड़द की उन्नत खेती FAQ :-
1.) बाजार में उड़द की दाल की कीमत अधिक क्यों है?
Answer:- अधिक प्रोटीन होने के कारण बाजार में उड़द दाल की कीमत अधिक है, उड़द की दाल में 23 से लेकर 25% तक प्रोटीन पाया जाता है।।
2.) क्या उड़द को खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है?
Answer:-हाँ, उड़द को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और उड़द की खेती के बाद किसान के भाई के खेत में उड़द के बचे पेड़ को खाद के रुप मे उपयोग करते है।
3.) उड़द की खेती के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
Answer:- उड़द की खेती के लिए सबसे अच्छा मौसम गर्मी का है, क्योंकि इसके विकास के लिए 25-30 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है। इसमें पानी की भी बहुत कम आवश्यकता होती है और लगभग 700 से 900 मिमी वर्षा वाले क्षेत्रों में इसकी खेती की जा सकती है।
4.) उड़द की खेती कैसे की जाती है?
Answer:-उड़द में सिंचाई की बहुत कम आवश्यकता होती है लेकिन इसकी खेती के दौरान तीन से चार बार हल्की सिंचाई करनी चाहिए। अच्छी वृद्धि के लिए निराई-गुड़ाई भी महत्वपूर्ण है, और कीटों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक का उपयोग कर सकते है।
5.) उड़द की खेती में खरपतवारों का नियंत्रण कैसे किया जा सकता है?
Answer:-खरपतवारों के नियंत्रण के लिए वैसलीन 1 किग्रा प्रति हे0 की दर से 1000 लीटर पानी में बुआई से पूर्व तथा पेंडीमिथालिन 25 किग्रा प्रति 1000 लीटर पानी की दर से बुवाई के बाद फसल में छिड़काव किया जा सकता है।