Phool Gobhi : फूलगोभी (Cauliflower) की खेती करना बहुत ही आसान है। इस फसल से अधिक मुनाफा कमाया जाता है। फूलगोभी का वैसे तो सभी ने इसका स्वाद लिया होगा। चाहे पराठे या सब्जी के रूप में, फूलगोभी में बहुत ही अधिक मात्रा में विटामिन और प्रोटीन भी पाया जाता है। इसीलिए बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। फूलगोभी के कई प्रकार के आचार, तथा सब्जियां भी बनाई जाती है।
आज हम आपको फूलगोभी की खेती कैसे करें तथा घर पर फूलगोभी की खेती कैसे करेंगें पुरी जानकारी देंगे। तो हमारे साथ बने रहें।
फूलगोभी की खेती के लिए जलवायु
फूलगोभी की खेती अक्सर ठंडी के महीने में किया जाता है। क्योंकि फूलगोभी को ठंडी का मौसम पसंद है। इसकी खेती रवि के सीजन में करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। फूलगोभी की खेती अधिक तापमान पर पैदा करना बहुत ही मुश्किल होता है। इसके लिए मिनिमम टेंपरेचर 15 डिग्री सेंटीग्रेड और मैक्सिमम 25 सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त माना गया है। ज्यादा ठंडी पड़ने या पाला पड़ने से भी फसल को नुकसान होता है।
फूल गोभी की खेती के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिएं
फूल गोभी की फसल लगभग सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है लेकिन बलुई, और दोमट मिट्टी में फूल गोभी की खेती करना अच्छा माना गया है। वही वैज्ञानिकों का मानना है कि मिट्टी का पीएचमान 6 से 7 के बीच में होना चाहिए। इसके लिए आप मिट्टी की जांच भी करा सकते हैं। किसान उस खेत को चयन करें। जहां पर खेत समतल हो और जल निकासी की पूरी व्यवस्था हो उस खेत में फूल गोभी की खेती करें।
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फूलगोभी की खेती के लिए उन्नत किस्में
फूलगोभी की खेती करने के लिए उन्नत किस्म का चयन करना बहुत ही आवश्यक होता है भारत में मौसम के आधार पर तीन प्रकार की प्रजातियां फूलगोभी के लिए बताई गई जिसमें अगेती और मध्यम तथा पछेती प्रजातियां शामिल है।
फूलगोभी की अगेती प्रजातियां
पन्त गोभी 2, पन्त गोभी 3 पूसा कार्तिक, पूसा अर्ली, पूसा दिपाली, अर्ली कुवारी, अर्ली पटना, सेन्थेटिक, पटना अगेती, सेलेक्सन 327 एवं सेलेक्सन 328 यह फूलगोभी की अगेती की प्रमुख प्रजातियां है।
फूलगोभी की मध्यम प्रकार की प्रजातियां
नरेन्द्र गोभी 1, पंजाब जॉइंट ,अर्ली स्नोबाल, पन्त शुभ्रा, इम्प्रूव जापानी, हिसार 114, एस-1, पूसा हाइब्रिड 2, पूसा अगहनी, और पटना मध्यम, यह फूलगोभी की कुछ प्रमुख मध्यम प्रकार की प्रजातियां है।
फूलगोभी की पछेती प्रजातियां
स्नोकिंग, पूसा सेन्थेटिक, विश्व भारती, बनारसी मागी, जॉइंट स्नोबाला, पूसा स्नोबाल 2, पूसा के 1, दानिया, स्नोबाल 16, पूसा स्नोबाल 1, यह फूलगोभी की कुछ प्रमुख पछेती प्रजातियां है।
फूल गोभी की खेती करने का सही समय
फूलगोभी की खेती सितंबर से अक्टूबर महीने ने किया जा सकता है। फूलगोभी की अगेती खेती करने के लिए आपको अगस्त और सितंबर में ही फूल गोभी की नर्सरी को तैयार करना होगा। वही पीछेती की खेती करने के लिए आपको अक्टूबर में नर्सरी तैयार करना होगा। और नवंबर लास्ट तक आपको फूलगोभी की खेती (gobhi ki kheti) करना है।
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फूल गोभी की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी
फूलगोभी सितंबर और अक्टूबर के मध्य में किया जाता है। फूलगोभी की खेती तैयार करने के लिए आपको मिट्टी को अच्छे से तैयार करना जरूरी होता है। सितंबर के पहले ही सप्ताह में अपने खेत को दो बार अच्छे से रोटावेटर से जुताई करवा देना चाहिए। इसके बाद उसमे जैविक खाद या गोबर की खाद मिलाकर दुबारा से दो और तीन बार देसी हल से जुताई करना चाहिए। इसके बाद आपको पाटा लगाकर खेत को समतल और भुरभुरी बना देना चाहिए। इसके बाद खेत में 40 से 50 ,सेंटीमीटर दूरी पर आपको गड्ढा बना लेना है। गोबी के पौधे को लगाने के लिए। खेत में पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
फूलगोभी की खेती के लिए नर्सरी कैसे तैयार करें
फूल गोभी की फसल करने के लिए हम दो प्रकार के तरीकों को अपनाते हैं
1. बीजों की सीधी बुआई करके :- फूलगोभी की खेती करने के लिए आप गोभी के बीजो को अपने खेत में सीधी बुवाई करके फसल तैयार कर सकते हैं।
2. नर्सरी में पौध तैयार करके :- फूल गोभी की नर्सरी तैयार करने के लिए आपको खेत के एक छोटे से हिस्से में आपको फूलगोभी के बीजों को लाइन से बुआई कर देना है। 20 से 25 दिन में वह थोड़ा बड़े हो जाएंगे और आप की नर्सरी तैयार हो जाएगी। उस नर्सरी को खेत मे ले जाकर लगा देना है।
फूलगोभी की रोपाई कैसे करें?
फूलगोभी की खेती आप जलवायु के हिसाब से कर सकते हैं। अगेती खेती फूलगोभी की जुलाई से अगस्त मे करना बहुत ही अच्छा माना गया है। वही मध्यम और पछेती गोभी की खेती आप अक्टूबर से नवंबर के लास्ट तक कर सकते हैं। पौधे की रोपाई के लिए आपको 40 से 50 सेंटीमीटर पर गड्ढा खोदना है। और उसमें फूल गोभी की नर्सरी को लगाना है। नर्सरी हमेशा सायंकाल के समय ही करना चाहिए। वही पेंड लागने के बाद आपको एक बार हल्का पानी दे देना चाहिए।
उरर्वरक प्रबंधन और सिंचाई
गोभी की नर्सरी लगाने के बाद आपको तुरंत हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। उसके बाद आपको 15 से 20 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।
फूलगोभी की अगेती फसल की अपेक्षा पिछेती खेती में खाद और उर्वरक की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। इस फसल में आप समय-समय पर यूरिया का प्रयोग कर सकते हैं। फूलगोभी की जैविक खेती करने के लिए आप जैविक खाद का प्रयोग भी कर सकते हैं। जैविक खेती का मार्केट में दाम हमेशा ज्यादा रहता है। लेकिन खेत तैयार करते समय आपको जैविक खाद का उपयोग करना जरूरी है।
खरपतवार नियंत्रण
फूलगोभी में कई प्रकार के कीट लगने की संभावना रहती है। इसलिए आपको खरपतवार पर विशेष ध्यान देना है। खरपतवार नियंत्रण करने के लिए आपको दो से तीन बार खेत की निराई गुड़ाई करनी चाहिए। रोपाई करने से पहिले वासालिन 48 ई सी 1.5 किलोग्राम मात्रा प्रति हैक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करना है।
कटाई कब करें
फूलगोभी जब उचित आकार और ठोस दिखाई देने लगे तब उसको किसी सुरक्षित चीज से नीचे से काटना चाहिए। काटते समय बहुत ही विशेष ध्यान देना है कि फूल में खरोंच या रगड़ न लगे। नहीं तो उस फूलगोभी बेचते समय दिक्कत होता है। फूलों की कटाई हमेशा शाम या फिर सुबह मे करनी चाहिए।
घर पर फूलगोभी की खेती कैसे करें
फूलगोभी की खेती घर पर करने के लिए आपको गमले की जरूरत पड़ेगी। अगर आपके पास गमले हैं। तो उसमें आप फूल गोभी के नर्सरी को लगा सकते हैं। और फूल गोभी को तैयार कर सकते हैं।
फूलगोभी की खेती में कमाई
फूलगोभी की खेती नए तरीके से करने पर प्रति हेक्टेयर 200 से 250 कुंटल तक पैदावार मिल सकती है। वही इसकी उपज मे 350 से 400 कुन्तल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होता है।
निष्कर्ष: फूलगोभी की उन्नत किस्में सही तरीके से करने पर अन्य सब्जियों की तुलना में फूलगोभी की खेती में अधिक मनाया मुनाफा कमाया जा सकता है
FAQ :
Q : फूलगोभी की नर्सरी कितने दिन मे तैयार हो जाती है?
Ans : फूल गोभी की नर्सरी 20 से 25 दिन में तैयार हो जाते है और 80 से 90 दिन मे फूलगोभी का पेड़ भी तैयार हो जाता है।
Q : फूलगोभी की खेती किस महिने मे करनी चाहिए?
Ans : फूलगोभी की अगेती खेती अगस्त और सितंबर में तथा पीछेती की खेती अक्टूबर में नर्सरी तैयार करना होगा। और नवंबर लास्ट तक आप फूलगोभी की खेती कर सकते है।
Q : फूलगोभी मे लगने वाले रोग कौन-कौन से है?
Ans : फूल गोभी में मुख्य रूप से गोभी के फूल खाने वाले कीड़े, उकठा रोग, पत्ती खाने वाले कीड़े और झुलसा रोग लगते हैं.
Q : फूलगोभी की उन्नत किस्मे?
Ans : पूसा कार्तिक संकर, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा शक्ति , पूसा स्नोबार के टी-2, पूसा मेघना, पूसा शरद, पूसा पोशजा, पूसा स्नोबाल के-1, पूसा अर्ली सिंथेटिक, पंत सुभ्रा, पूसाद्यशुक्ति, स्नोबाल 16 है।