किसान भाईयो के लिए इस बार बजट में कई प्रकार की योजनाओं और सुविधाओं की घोषणा की गई है। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2023 को बजट पेश किया था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण प्रबंध किए गए हैं। इस बजट में इस बार किसान कल्याण से लेकर कृषि शिक्षा तक लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई है।
किसान सम्मान निधि योजना में 60 हजार करोड़ रुपये का भी प्रावधान रखा गया है। वही पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन को ध्यान में रखते हुए ऋण 20 लाख करोड़ रुपए देने का भी प्रावधान रखा गया है। सरकार ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत कई स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 450 करोड़ रुपये तथा एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए 600 करोड़ रुपये तक का प्रावधान रखा गया है। देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 459 करोड़ रुपए का प्रधान रखा है। आइए जानते हैं इस बजट में किसानों को क्या-क्या फायदा होगा।
डिजिटल पब्लिक इन्फ़्रास्ट्रक्चर की वेवस्था
किसान भाइयों के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्राट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। जो एक खुले मानक और अंतर प्रचलन योग्य हित के लिए कार्य करेगा। इससे फसल नियोजन एवं स्वास्थ्य के संगत सूचनाओं को प्राप्त करना। ऋण एवं बीमा, फसल की जांच, मार्केटिंग इंटेलिजेंस, एग्री-टेक इंडस्ट्री एवं स्टार्टअप सहित कई प्रकार की संभावनाएं पाई जाएंगी।
कृषि वर्धक निधि
कृषि के क्षेत्र में रोजगार को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कृषि वर्धक निधि स्थापित किया जाएगा। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के युवा एग्री स्टार्टअप खोल सकंगे और रोजगार को बढ़ावा दे सके। इसके लिए सरकार ने 5 साल में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। इसके द्वारा किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का भी समाधान किया जाएगा। कृषि पद्धतियों को बदलने के लिए एवं लाभ प्राप्त करने के लिए नए-नए प्रकार की टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा।
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कपास फसल की पैदावार बढ़ाना
इस बजट में सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि लंबे रेशे वाले कपास के उत्पादन को बढ़ाना तथा public-private भागीदारी के माध्यम से कलेक्टर आधारित और वैल्यू चेन दृष्टिकोण को बढ़ाना। इसके लिए राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार आपस में मिलकर मार्केटिंग से लेकर की प्रकार की व्यवस्था को सुधारा जाएगा जिससे इस क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकें।
आत्मनिर्भर बागवानी क्षेत्र मे किसानो को आत्मनिर्भर बनाना
इस बजट में बागवानी क्षेत्र में कार्य करने किसानो के लिए 2200 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। जिससे बागवानी में कार्य करने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और high-value बागवानी फसलों को रोगमुक्त और गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सके। पौधा सामग्री के लिए उपलब्धता बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर स्वच्छ पौधे का शुभारंभ किया जाएगा। जिससे देश में बागवानी की फसलों को बढ़ावा मिले और किसान आत्मनिर्भर बन सके।
मोटे अनाज को मिलेगा बढ़ावा
मोटे अनाज को अब “श्री अन्न” के नाम से जाना जाएगा। “श्री अन्न” को लोकप्रिय बनाने के कार्यक्रमों में भारत सबसे आगे है। भारतीय अनुसंधान केंद्र हैदराबाद को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे मोटे अनाज को वैश्विक केंद्र पर बढ़ावा मिल सके।
किसानों को मिलेगा ऋण
देश में किसान भाइयों को ऋण देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से काफी लाभ पहुंचाया जा रहा है। इससे किसान भाई खेती-बाड़ी को आगे बढ़ा रहे हैं। इस बार सरकार ने 23 हजार करोड रुपए का प्रावधान कृषि ऋण के लिए रखा है। इसमें वह पशुपालन, डेयरी, पशुपालन पर ज्यादा बढ़ावा दिया जाएगा इसके लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है।
मत्स्य पालन क्षेत्र मे इतने करोड़ का बजट
देश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस बार 6000 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है। पीएम मत्स्य सम्पदा योजना की भी शुरुआत किया जाएगा। जिससे कि मछुआरे मछली विक्रेता और सूक्ष्म तथा लघु उद्यम अपने कार्य में और अधिक सक्षम बन सकें।
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पीएम-प्रणाम योजना की शुरूआत
किसानों को खेती करने के लिए पीएम प्रमाण योजना का शुभारंभ किया जाएगा। जिसके जरिए किसानों को जागरूक किया जाएगा की मिट्टी मे पाए जाने वाले पोषक तत्व सहित रासायनिक उर्वरक सभी प्रकार की जानकारियां किसानों तक पहुंचाया जाएगा और उन्हें उचित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करना भी बताया जायेगा।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
देश में किसान भाई प्राकृतिक खेती को अपनाएं और खेती करें। इसके लिए सरकार ने अगले साल 3 वर्षों 1 करोंड़ किसानों को प्रेरित किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर विपरीत सूक्ष्म -उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाते हुए 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केंद्र स्थापित किए जाएँगे। जिससे देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
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